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बुढ़ापे में तेज दिमाग, जीन और परिवेश जिम्मेदार

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वॉशिंगटन , शुक्रवार, 20 जनवरी 2012 (11:31 IST)
ऐसा माना जाता है कि लोगों में बुद्विमता ज्यादातर आनुवांशिक होती है। लेकिन एक व्यक्ति के बुढ़ापे में भी तेज और बुद्धिमान बने रहने में भी जीन और उसके आस-पास के माहौल का असर पड़ता है। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है।

पूर्व में अलग-अलग परिवेश में बड़े किए गए जुड़वां बच्चों या एक ही माता-पिता की संतानों पर ऐसा अध्ययन किया गया। इसमें पाया गया कि इनमें बुद्धिमता का आनुवांशिक तत्व होता है। लेकिन यह जीवनपर्यंत कैसे बदलता है यह पता नहीं था।

ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय में किए गए नवीनतम शोध में पता चला है कि जीन और परिवेश के अनसार व्यक्ति की बुद्धि उम्र के साथ कैसे बदलती है।

लाइवसाइंस पत्रिका की खबर के अनुसार शोधकर्ताओं के दल के प्रमुख इयान डियरी ने कहा कि ये परिणाम बताते हैं कि उम्र के बढ़ते जाने के साथ बुद्विमता पर परिवेश और जीन का असर पड़ता है।

उन्होंने बताया कि शोधकर्ताओं ने स्काटलैंड के 1,940 लोगों के बुद्वि के स्तर की 11 वर्ष की उम्र में जांच की थी। हाल ही में उनकी बुद्धि के स्तर की जांच तब की गई जब उनकी उम्र 65 से 79 वर्ष हो गई।

शोधकर्ताओं ने कहा कि इन व्यक्तियों के जीन का उनकी बुद्धि पर प्रभाव पड़ा था, लेकिन बढ़ते उम्र के साथ उनके परिवेश के अनुसार भी उनकी बुद्धिमता में बदलाव आया।

शोधकर्ताओं के अनुसार बुद्धि के स्तर का 25 प्रतिशत जीन के अनुसार बदलता है वहीं बाकी परिवेश के अनुसार बदलता है। परिवेश के अनुसार कुछ लोगों की बुद्धि का स्तर बेहतर होता है वहीं कुछ का कम हो जाता है। (भाषा)

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