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ममी ने उठाया हृदयरोग के रहस्य से पर्दा

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, सोमवार, 11 मार्च 2013 (15:36 IST)
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शिकागो। प्राचीनकाल की ममियों पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों ने कहा है कि हृदयाघात की समस्या के लिए सिगरेट सेवन तथा अधिक वसा वाला भोजन जिम्मेदार नहीं है बल्कि इसके लिए बढ़ती उम्र जिम्मेदार है।

दक्षिण कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर केलेब किंच ने गत ‍दिवस अपने शोध के नतीजे अमेरिकी हृदयरोग महाविद्यालय की बैठक में पेश किए। उन्होंने कहा कि हृदयाघात कोई नई समस्या नहीं है और बेहद पुराने समय से मानव समाज को जकड़े हुए है। हमारी राय में इसके लिए बढ़ती उम्र जिम्मेदार है।

अब तक यह माना जाता रहा था कि धूम्रपान, मोटापे तथा जीवनशैली में आ रहे बदलाव 'एथेरोक्लेरोसिस' नामक विकार के लिए जिम्मेदार है जिसकी वजह से धमनियां सख्त हो जाती हैं और हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है।

शोधकर्ताओं ने इस शोध के लिए 4 हजार वर्ष पुरानी 137 ममियों का अध्ययन किया जिन्हें विश्व के 4 अलग-अलग हिस्सों से लाया गया था।

प्राचीन पेरू, प्राचीन मिस्र, अमेरिका में कोलेराडो नदी के आसपास तथा अलास्का और साईबेरिया से लाई गई ममियों का सीटी स्कैन करके उनकी आंतरिक शारीरिक संरचना को समझने का प्रयास किया गया।

इनमें से 40 वर्ष से अधिक उम्र की 34 फीसदी ममियों में हृदयाघात की बीमारी की वजह बनने वाले ये शुरुआती लक्षण देखे गए।

उल्लेखनीय है कि मिस्र की ममियों में इससे पहले भी इस सरीखे लक्षण देखे जाते रहे थे लेकिन सबसे पहले शोधकर्ताओं का मानना था कि चूंकि मिस्र में संभ्रांत वर्ग के लोगों के शवों का ममीकरण करने की प्रक्रिया चलन में थी तो रक्त धमनियों के सख्त होने का कारण उनका उच्च वसा वाला आहार बना होगा।

हालांकि इस नए शोध में सिर्फ मिस्र से ही नहीं, बल्कि विश्व के दूसरे भू-भागों में पनपने वाली ममियों को भी शामिल किया गया। (भाषा)

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