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मानव शरीर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य...

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हमें फॉलो करें मानव शरीर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य...
, शुक्रवार, 6 सितम्बर 2013 (11:48 IST)
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लड़कियों में कौमार्य की शुरुआत कब होती है या फिर हमारे नाखून एक माह में कितने बढ़ते हैं? मानव शरीर को लेकर ऐसे अनेक सवाल हो सकते हैं, लेकिन यहां हम कुछ ऐसे तथ्य दे रहे हैं जो निश्चित ही आपकी जानकारी बढ़ाने में सहायक होंगे।

यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलाइना ने 2009 में अपने एक अध्ययन में पाया कि लोगों के नाखून एक माह में 3.55 मिमी प्रतिमाह बढ़ते हैं। उल्लेखनीय है कि 1938 में नाखूनों के बढ़ने की दर प्रति माह 3 मिमी और पचास के दशक में 3.06 मिमी थी। प्रोटीन और पौष्टिक तत्वों से भरपूर भोजन के कारण नाखूनों के बढ़ने की दर भी बढ़ी है। ऐसा इसलिए भी होने लगा है क्योंकि शरीर में वृद्धि के साथ साथ अंगुलियां बड़ी होने लगीं और इस कारण से शरीर का रक्त प्रवाह भी बेहतर हो गया।

पुरुषों के नाखून क्यों बढ़ते हैं महिलाओं से तेज...पढ़ें अगले पेज पर....


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नाखूनों की अंगुलियों की तुलना में पैरों के नाखून धीमी गति से बढ़ते हैं। अंगूठे के नाखून प्रतिमाह करीब 2 मिमी तक बढ़ते हैं। इसी तरह पुरुषों की अंगुलियों की तुलना में महिलाओं के नाखूनों की गति धीमी होती है क्योंकि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक हॉरमोन्स पाए जाते हैं। नाखून के बढ़ने की गति गर्मियों में अधिक तेज होती है क्योंकि शरीर द्वारा धूप का इस्तेमाल कर विटामिन डी बनाने से बढ़त तेज हो जाती है।

पानी का अवशोषण (अब्जॉर्पशन) : आंतों के जरिए शरीर में पानी का अवशोषण औसतन प्रति घंटे पर होता है। आंतों के जरिए पानी रक्तप्रवाह में शामिल होता है, इसके बाद इसे गुर्दे छानने का काम करते हैं और अतिरिक्त पानी पेशाब के तौर पर ब्लैडर (पेशाब की थैली) में जमा होता है। इस ब्लैडर में 300 मिली लीटर पानी रह सकता है इसलिए प्रत्येक तीन से चार घंटे में लोग पेशाब के जरिए इसे शरीर के बाहर निकालते हैं।

यदि आप कॉफी पीते हैं तो यह पानी के चक्र को बढ़ा देती है और कॉफी पीने वालों को अधिक बार मूत्र विजर्सज के लिए जाना पड़ता है। लेकिन कुछ शारीरिक स्थितियों में पेशाब करने की मात्रा बढ़ती है। अगर आपका प्रोस्टेट बढ़ा हुआ हो तो आपको प्रति घंटे पर पेशाब जाना पड़ेगा।

लड़कियों में किस उम्र में शुरू होता है कौमार्य... पढ़ें अगले पेज पर....


कौमार्य : यह स्थिति तीन से आठ वर्ष की अवधि तक हो सकती है। आम तौर पर लड़कियों में कौमार्य नौ से बारह वर्ष की आयु में शुरू हो जाता है। रॉयल फ्री लंदन एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के विशेषज्ञ डॉ. मार्क बांडरपम्प का कहना है कि कौमार्य की अवधि तीन से पांच वर्ष तक हो सकती है। लड़कियों के बक्षों के विकास का समय नौ वर्ष होता है और इस अवधि की औसतन शुरुआत बारह वर्ष से होती है लेकिन यह प्रक्रिया आठ वर्ष से 20 वर्ष की आयु में कभी हो सकती है।

और लड़कों के बारे में क्या कहती है जानकारी... पढ़ें अगले पेज पर...


हॉरमोन्स में बदलाव : लड़कियों की तुलना में लड़कों में कौमार्य अवधि अधिक समय तक चलता है और यह पांच से आठ वर्ष तक हो सकता है। कौमार्य के पूरे होने को हम इस तरह से परिभाषित करते हैं कि लड़के अपनी अधिकतम लम्बाई तक पहुंच जाते हैं और लड़कियों के लिए यह काल उनके मासिक चक्र शुरू होने के दो वर्ष तक होता है। जब एक लड़की का मासिक चक्र शुरू हो जाता है तो इसका यह अर्थ भी होता है कि उसके शरीर में इतना अधिक एस्ट्रोजन होता है कि उसकी अस्थियां आपस में जुड़ने (फ्यूज होने) लगती हैं।

लड़कों में कौमार्य की शुरूआत दस से तेरह वर्ष के बीच शुरू होती है और यह लड़कियों की तुलना में अधिक समय तक चलता है। यह अवधि पांच से आठ वर्ष की हो सकती है। और लड़कों में इसकी शुरूआत अंडकोषों का आकार बढ़ने, लम्बाई बढ़ने, बाल बढ़ने और आवाज के भारी होने से होने लगती है।

कितने वर्ष में विकसित होता है मस्तिष्क... पढ़ें अगले पेज पर...


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वैज्ञानिकों के अनुसार मनुष्यों में मस्तिष्क को पूरी तरह से विकसित होने में करीब 25 वर्ष लगते हैं ज‍बकि फेफड़ों के पूरी तरह से विकसित होने में 18 से 22 वर्ष का समय लगता है। महिलाओं में मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) का समय पूरा होने में दो से लेकर दस वर्ष तक लग सकते हैं।

आमतौर पर औसतन मासिक धर्म बंद होने का समय 51 वर्ष को माना जाता है, लेकिन इसके लिए महिलाओं की उम्र 40 से 55 वर्ष की हो सकती है लेकिन कुछेक मामलों में यह भी देखने में आता है कि 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं को नियमित मासिक धर्म हो रहा हो। लेकिन रजोनिवृत्ति की उम्र बढ़ने के साथ ही महिलाओं को वक्ष कैंसर का खतरा भी 30 फीसद अधिक बढ़ जाता है। और यह इस कारण से होता है क्योंकि ऐसी महिलाओं के जीवन में एस्ट्रोजन का अधिक दुष्प्रभाव पड़ता है।

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