माया सभ्यता : कुछ लोग मानते हैं शुक्रवार को होगा प्रलय!
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दिसंबर को प्रलय की भविष्यवाणी का सबसे ज्यादा असर मैक्सिको के लोगों में देखने को मिलता है। माया सभ्यता के प्रमुख केंद्र दक्षिण-पूर्वी मैक्सिको में लोगों में खासतौर पर ज्यादा दहशत देखी जा सकती है। यहां लोगों ने कथित प्रलय से बचने के उपाय करने शुरू कर दिए हैं।मैक्सिको के माया समुदाय के कुछ लोगों का मानना है कि शुक्रवार को दुनिया के अंत की शुरुआत निश्चित है, जबकि इस दिन माया सभ्यता के कैलेंडर की अंतिम तारीख समाप्त हो रही है। माया समुदाय के पुजारियों ने तो उल्टी गिनती शुरू करते हुए विशेष धार्मिक कर्मकांड कर दिए हैं, लेकिन कुछ लोग ही इससे इत्तेफाक रखते हैं।माया समुदाय और सभ्यता के मुताबिक प्रलय का मुख्य केन्द्र दक्षिण-पूर्वी मैक्सिको होगा। यहां के लोगों ने प्रलय के स्वागत के लिए नया तरीका खोजा है। डरने या उदास होने के बजाए खुशियां मनाना। ये लोग मानते हैं कि एक युग का अंत हो रहा है, न कि धरती का। मेरिडा शहर से जुड़े इन लोगों का मानना है कि हम बहुत भाग्यशाली हैं, जो एक युग का अंत होते हुए देखेंगे।कम से कम मैक्सिकों के शहर मेरिडा, गांव याक्सुना के मायन लोगों की राय इससे अलग है। उनका मानना है कि हमारे पूर्वज जो कैलेंडर छोड़ गए थे, उनके अनुसार उस कैलेंडर की अंतिम तारीख का मतलब था, एक युग का अंत होना, न कि धरती का अंत। बहुत से लोग कहते हैं कि यह दुनिया का अंत है, लेकिन हमें विश्वास नहीं है।सीएनएन की खबर अनुसार माया सभ्यता की प्रलय की धारणा को मानने वाले लोगों के लिए अमेरिका ने एक 'आधिकारिक वेबसाइट' की शुरुआत भी की है, जिसमें माया सभ्यता और प्रलय से जुड़ी तमाम जानकारी, प्रलय से बचाव और वीडियो लिंक उपलब्ध हैं। फेसबुक और ट्विटर के माध्यम से भी जुड़कर सहयोग प्राप्त कर सकते हैं।मैक्सिको में जुटे पर्यटक : दुनियाभर में नया साल जश्न, खुशियों और शुभकामनाओं का संदेश लेकर आने वाला है, लेकिन मैक्सिको के लोग ‘प्रलय के दिन’ को देखते हुए अलग ही किस्म की तैयारियों में जुटे हैं। 21 दिसंबर को दुनिया खत्म होने की आशंकाओं के बीच माया सभ्यता के गढ़ मैक्सिको के शहर मेरिडा में 'कयामत' का जश्न मनाने की तैयारी हो रही है।दरअसल, इस साल हजारों की संख्या में पर्यटक मैक्सिको में मौजूद माया सभ्यता के प्राचीन मंदिरों के दर्शन के लिए आएंगे और इसकी वजह यह है कि माया सभ्यता के मुताबिक दुनिया 21 दिसंबर, 2012 को खत्म हो जाएगी।माया सभ्यता की निशानी के रूप में हर साल हजारों की संख्या में लोग इन मंदिरों को देखने आते हैं, हालांकि इस साल ये संख्या कई गुना बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि इस बार पर्यटकों में प्रलय की भविष्यवाणी को लेकर खासी उत्सुकता है।माया सभ्यता के कुछ जानकारों के मुताबिक इन विशाल मंदिरों में से एक पर ‘प्रलय की तारीख खुदी है, जबकि कुछ अन्य जानकार मानते हैं कि ये तारीख केवल एक युग के अंत को दर्शाती एक गणना है।मैक्सिको के पर्यटन विभाग ने तापाचुला शहर के बीचोंबीच इस तारीख को याद दिलाती एक विशाल घड़ी लगाई है। हालांकि बहुत से लोग माया सभ्यता के प्राचीन शहर मेरिडा में भी जुटने लगे हैं। दरअसल, वे देखना चाहते हैं उस क्षण को, जबकि माया सभ्यता का कैलेंडर समाप्त होने वाला है और एक नए युग की शुरुआत होने वाली है।क्या है माया सभ्यता : 250 ईस्वी से 900 ईस्वी के बीच माया सभ्यता अपने चरम पर थी। इस सभ्यता में खगोल शास्त्र, गणित और कालचक्र को काफी महत्त्व दिया जाता था। मैक्सिको इस सभ्यता का गढ़ था। आज भी यहां इस सभ्यता के अनुयायी रहते हैं। माया सभ्यता का पंचांग 3114 ईसा पूर्व शुरू किया गया था। इस कैलेंडर में हर 394 वर्ष के बाद बाकतुन नाम के एक काल का अंत होता है। 21 दिसबंर, 2012 को उस कैलेंडर का 13वां बाकतुन खत्म हो जाएगा।करीब तेरह सौ साल पहले एक पत्थर पर एक संदेश को कुछ लोग दुनिया की समाप्ति की भविष्यवाणी मान बैठे हैं और अब तो ये कथित भविष्यवाणी इंटरनेट के जरिए सारी दुनिया में फैल चुकी है, लेकिन पुरातत्वविद और माया सभ्यता के विशेषज्ञ मानते हैं कि ये भविष्यवाणी दुनिया की समाप्ति के बारे में न होकर, पृथ्वी पर एक सर्वशक्तिमान ईश्वर के आगमन के बारे में है। (एजेंसियां)