कृष्णविवर (ब्लैक होल) वास्तव में मृत तारों की लाशें हैं। मृत तारा जितना ही बड़ा और पुराना होता है, कृष्णविवर भी उतना ही भूखा और शक्तिशाली होता जाता है। सुरसा के मुंह की तरह अपने आस-पास की हर चीज़ को, यहां तक कि प्रकाश को भी, खींच कर निगल जाता है। इस खींच-तान में प्लाज़्मा रूपी गैसीय पदार्थ का कई बार एक ऐसा रहस्यमय प्रचंड उद्गार भी होता है, जो प्रकाश जैसी तेज़ गति से, किसी लेज़र किरण की तरह, कृष्णविवर की पहुंच से बाहर चला जाता है।
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वर्ष पूर्व, 1933 के वसंतकाल में, कैनडा के एक युवा भौतिकशास्त्री और इंजीनियर कार्ल यांस्की ने, मात्र 28 साल की आयु में, ब्रह्मांडीय रेडियो तरंगों की खोज की थी। इसी खोज ने बाद में जन्म दिया रेडियो दूरदर्शियों वाले रेडियो खगोल विज्ञान (रेडियो एस्ट्रॉनॉमी) को। विज्ञान की यह विधा, जिस में ब्रह्मांड से आने वाली रेडियो तरंगों की आहट ली जाती है, इस बीच संपूर्ण ब्रह्मांड में झांकने का विद्युतचुंबकीय (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक) झंरोखा बन गई है। ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने में दिलचस्पी रखने वाले सभी देशों में एक से एक उच्चकोटि के रेडियो टेलिस्कोप बन रहे हैं या उन्हें आपस में जोड़ कर बड़े से बड़े संजाल का रूप दिया जा रहा है। कृष्णविवर क्योंकि प्रकाश को भी निगल जाते हैं, इसलिए उनके रहस्यों को जानने-समझने में रेडियो दूरदर्शियों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।22
से 26 अप्रैल तक बॉन स्थित रेडियो खगोल विज्ञान के जर्मन माक्स प्लांक संस्थान के तत्वावधान में, 200 से अधिक रेडियो खगोलशास्त्रियों का, एक ऐसा ही अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हुआ, जिसमें उन्होंने अपने क्षेत्र की नवीनतम खोजों पर प्रकाश डाला। यूरोपीय देशों और अमेरिका से आए लगभग एक दर्जन भारतीय वैज्ञानिक भी बॉन में उपस्थित थे।
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प्रकाश के समान गतिवान मैटर जेट : सम्मेलन में "मैटर जेट, प्लाज्मा जेट, ब्लैक होल जेट" या अयनीकृत गैस-जेट कहलाने वाली ऐसी महातीव्रगामी धाराओं को लेकर काफ़ी कौतूहल रहा, जो अक्सर प्रकाश के लगभग बराबर की तेज़ गति से चलती हैं। वे तब बनती हैं, जब कोई तारा, आकाशीय पिंड या गैसीय बादल किसी कृष्णविवर के गुरुत्वाकर्षण-बल में फंस कर, किसी भंवर की तरह तेज़ी से ऐंठता-घूमता हुआ उसकी तरफ खिंचने लगता है। "जेट" कहलाने वाली ये धाराएं प्लाज्मा अवस्था वाली अयनीकृत गैस का ऐसा अत्यंत ऊर्जावान, सुगठित और संघनित स्वरूप होती हैं, जो किसी लेजर किरण के समान कसा हुआ होता है।