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वैश्विक अभियान पर अंटार्कटिका जाएंगे पांच भारतीय

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मानव के रहने योग्य एकमात्र ग्रह को बचाने का संदेश फैलाने के लक्ष्य के साथ कुछ भारतीयों समेत युवकों का एक समूह वैश्विक अभियान पर अंटार्कटिका निकल रहा है। इसका नेतृत्व ध्रुवीय अन्वेषक और पर्यावरणविद्‍ रॉबर्ट स्वान कर रहे हैं।

इस दल में पांच भारतीय हैं। इसमें पुणे के एक प्राथमिक शिक्षक और चंडीगढ़ का एक प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ भी है। वे अर्जेंटीना के यूसूइआ में 28 फरवरी को मुख्य दल के साथ होंगे। इसके बाद तीन मार्च को अंटार्कटिका के लिए रवाना होंगे।

ब्रिटिश अन्वेषक स्वान के नेतृत्व में चलने वाले दो सप्ताह लंबे इंटरनेशनल अंटार्कटिक अभियान (आईएई 2013) में दुनिया भर से 30-40 प्रतिभागी शामिल होंगे। वे अपने ऐतिहासिक दक्षिणी पड़ाव के लिए ‘सी स्पिरिट’ जहाज पर मुख्य चालक दल ‘2041’ से मिलेंगे।

पुणे में तीसरी कक्षा के बच्चों को पढ़ाने वाले 23 वर्षीय अनुराग मालू के लिए अंटार्कटिका जाना एक सपने जैसा है।

मालू ने कहा, ‘अभियान के लिए धन जुटाने से लेकर अब बर्फ से ढंके अंटार्कटिका के बारे में अनुमान लगाने तक अभियान से जुड़े रहने से मेरा आत्मविश्वास बढा़ है और पर्यावरण संपोषण के संबंध में मेरे विचारों के बारे में मेरे विश्वास की फिर से पुष्टि की है जिसे मैं अपनी कक्षाओं में पढ़ाता हूं।’

कुछ साल पहले एक कार्यक्रम के राबर्ट स्वान से मिले मालू ने कहा कि हम किस पृष्ठभूमि से आते हैं, हमारी पृष्ठभूमि क्या है, यह सब मायने नहीं रखता। सिर्फ यह मायने रखता है कि हम इस पृथ्वी पर जन्म लेने वाले एक इंसान हैं और हमारे अंदर एक जिम्मेदारी का एहसास है और हम जानते हैं कि हमें क्या करना है। हम समस्या का समाधान करने या उसे इसी जीवन में हल करने में विश्वास करते हैं न कि उसे अगली पीढी़ के लिए छोड़ जाने में।

चंडीगढ़ की एक निजी फर्म में प्रौद्योगिकी विश्लेषक सोनल असगोत्रा इस अभियान के लिए चुने जाने पर अभिभूत हैं। उन्होंने कहा कि वह इससे बहुत ही रोमांचित हैं। उन्हें ऐसे स्थान देखने का मौका मिलेगा जो उन्होंने अब तक केवल नक्शे में ही देखे थे।

उन्होंने कहा कि वहां से लौट कर हम एक नई निजी डायरी बनाना चाहेंगे और अंटार्कटिका के अध्ययन के लिए एक नया शैक्षणिक तरीका खास कर उसके पर्यावरण से जुडे़ अध्ययन को नई दिशा देना चाहेंगे।

सोनल और अनुराग इस अभियान दल के अन्य सदस्यों से यूसूइआ में 28 फरवरी को मिलेंगे, जहां राबर्ट स्वान और दल के अन्य सदस्य उनका स्वागत करेंगे। वहां उन्हें इस कठिन अभियान की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने के इरादे से दो दिन का आधिकारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह अभियान 13 मार्च को समाप्त होगा। (भाषा)

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