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शोध से पता चला असली मुस्कान का राज...

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, शुक्रवार, 14 जून 2013 (11:05 IST)
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वाशिंगगटन। कहा जाता है कि दिल के भाव चेहरे पर आ ही जाते हैं, लेकिन दिल के भाव चेहरे पर बयां हो इससे पहले ही सामने वाले को हमारे भाव का पता चल पाता है।

ब्रिटेन की राजधानी लंदन स्थित बैगर विश्वविद्यालय के एक दल ने इस दिशा में एक नया शोध किया है जिसे जर्नल साइकोलॉजिकल साइंस पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। शोध के मुताबिक चेहरे पर असली मुस्कान के आने से पहले ही सामने वाले को पता चल जाता है कि अब हम मुस्कुराएंगे।

हालांकि जबरन या औपचारिक मुस्कान की स्थिति में सामने वाला भ्रम में पड़ जाता है। असली मुस्कान का पता चेहरे पर आने के पहले ही पता चल जाता है। असली मुस्कान में हमारी आखों के पास की कुछ मांसपेशियों में खिंचाव होता है जिससे उसके बारे में पहले ही पता चल जाता है।

शोध में पता चला कि जब दो अजनबी एक दूसरे से मिलते हैं तो दोनों न सिर्फ मुस्कुराते हैं बल्कि उनकी मुस्कान भी एक जैसी ही होती है। इस पर अध्ययन करने के बाद पता चला कि जब दो व्यक्ति बात करते हैं और सामने वाले को मुस्कान आने वाली होती है तो उससे बात करने वाला मुस्कान देखकर खुद भी मुस्कुरा पड़ता है।

शोधर्कताओं के मुताबिक लोग औपचारिक रूप से तब मुस्कुराते हैं जब उन्हें लगता है कि इस बात पर मुस्कुराना सामाजिक बर्ताव है, लेकिन असली मुस्कान उनके चेहरे पर तब आती है जब वे आह्लादित होते हैं। (वार्ता)

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