इपिफाइलम ऑक्सीपेटालम (Epiphyllum oxypetalum) जिसे हिन्दी में गुल बकावली तथा अंग्रेजी में नाइट क्वीन तथा डचमैंस पाइप, गारलैंड लिली कहा जाता है, कैक्टस की एक प्रजाति से संबंधित है और दुनिया भर के बाग-बगीचों में बहुत उगाया जाता है। यह पौधा सिर्फ रात में ही पल्लवित होता है। इसकी सुंदरता को देखकर कुछ लोग इसे भ्रमवश ब्रह्मकमल भी मान लेते हैं।
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यह पौधा श्रीलंका का मूल निवासी है और इसकी मादक खुशबू इसके पल्लवित होते समय इसके फूल खिलने की मुनादी करती है। इस पौधे की एक और प्रजाति मैक्सिको में भी पाई जाती है। इसके फूल सफेद न होकर हलके गुलाबी तथा इसकी अप्रिय गंध भी कुछ अलग-सी होती है। सुबह होने से पहले खिलने वाले इस फूल की सबसे बड़ी खासियत होती है इसका अल्प समय तक ही खिलना। साल में एक बार खिलने वाले इस फूल का पल्लवन संक्षिप्त होता है।
इसी विशेषता के कारण चीन में इस फूल को 'बहुत प्रभावशाली पर संक्षिप्त समय' का प्रतीक माना जाता है। गर्म तथा आद्र जलवायु में पनपने वाला यह पौधा श्रीलंका के अलावा भारत, चीन, मैक्सिको, वेनेजुएला, ब्राजील तथा अमेरिका के कैलिफोर्निया जैसे गर्म तापमान वाले भाग से लेकर 75-2000 मीटर की ऊँचाई तक पाया जाता है।
इस पौधे का लंबोतरा फूल जो कई रंगों का और बहुत सुंगधित होता है, आँखों के रोगों में अत्यंत लाभदायक माना जाता है। औषधीय गुणों से परिपूर्ण इस फूल की इस विशेषता पर एक बहुत रोचक फारसी कहानी 'गुल-ए-बकावली' भी जुड़ी है जो एक बादशाह तथा उसके पाँच बेटों की है। इस कहानी के अनुसार अगर बादशाह अपने पाँचवे बेटे जाने आलम को देखेगा तो अंधा हो जाएगा।
एक बार बादशाह गलती से उसे देखकर अंधा हो जाता है। बादशाह का इलाज सिर्फ गुल-ए-बकावली के फूल से ही हो सकता है जो परियों की शहजादी बकावली के पास है। कैसे शहजादा बकावली के फूल लाता है और अंधे बादशाह फिर से देख पाते हैं यह तो कहानी पढ़ने पर ही पता चलेगा। पर यह फूल अपने इन गुणों की वजह से बहुत ही खास है।