नासा के टेलिस्कोप ने एक बार फिर दुनियाभर के खगोलशास्त्रियों में बहस मचा दी है। नासा ने दावा किया है कि हमारे सौरमंडल के बाहरी किनारे पर स्थित गैसों के बादलों में छुपा अब तक अनजाना, अनखोजा ग्रह हमारे सौरमंडल का नवाँ ग्रह माना जा सकता है। इसे वर्तमान में टेकी (Ty+Kee) नाम दिया गया है।
ग्रहों का चक्कर: अब से कुछ साल पहले तक हमारे सौरमंडल में निर्विवाद रूप से नौ ग्रह माने जाते थे पर कुछ साल पहले वैज्ञानिकों की खोज से पता चला कि प्लूटो का आकार बहुत छोटा है। दरअसल एक खगोलविज्ञानी मार्क ब्राउन ने 2005 में सौरमंडल में सूर्य के चक्कर काटती कुछ क्षुद्रिकाएँ या एस्ट्रॉयड खोजी थी। इसमें से एक 2003यूबी313 जिसे बाद में ज़ीना नाम दिया गया, प्लूटो से भी बड़ी थी। इसके अलावा एक और क्षुद्र ग्रह सीर्स भी प्लूटो से थोड़ा बड़ा है। प्लूटो हुआ बाहर: इसके बाद 2006 में अंतरराष्ट्रीय खगोल संघ ने प्लूटो को ग्रह के दर्जे से पदावनत करते हुए उसे हमारे सौरमंडल से बाहर करते हुए क्षुद्र ग्रहों की श्रेणी में रख दिया था। संघ के मुताबिक बर्फ से ढँके इस वीरान ग्रह को मात्र क्षुद्र या बौने ग्रह का दर्जा दिया जा सकता है। संघ ने इस पर यह भी तर्क रखा कि अब तक हमारे सौरमंडल में कुल 44 क्षुद्र ग्रह खोजे जा चुके हैं जिनमें से कुछ तो प्लूटो से भी विशाल हैं। इस वजह से इसे ग्रह का दर्जा नहीं दिया जा सकता। हालाँकि इस थ्योरी पर काफी विवाद भी होता रहा पर नासा की इस नई खोज से खगोलविज्ञानी फिर से उत्साहित हो गए हैं। नासा के टेलिस्कोप द्वारा जुटाए गए सबूतों और आँकड़ो से पता चलता है कि यह गैस से लिपटा एक विशाल 'ग्रह' है जो सौरमंडल के बाहरी किनारे पर स्थित ऊर्ट गैसों के बादलों में छुपा है। कुछ खगोलविज्ञानी इस खोज को नई नहीं मानते, इस संभावित ग्रह का नामकरण करने वाले लुसियाना विश्वविद्यालय के एस्ट्रोफिसिसिस्ट प्रोफेसर डेनियल व्हिट्मर और जॉन मेट्सी बताते हैं कि वे 1996 से ही टेकी के सौरमंडल में होने की संभावना पर अध्ययन कर रहे थे। टेकी के डाटा अप्रैल के माह से आना शुरू हो जाएगा। इसके दो साल के भीतर इस ग्रह के सारे राज सामने आने लगेंगे।
किस आधार पर तय किए जाते हैं ग्रह: किसी भी संभावित ग्रह को हमारे सौरमंडल के ग्रह की मान्यता देने का अधिकार केवल अंतरराष्ट्रीय खगोल संघ को है। इसको पूर्ण ग्रह का दर्जा देने से पहले संघ अच्छी तरह तथ्यों की जाँच-पड़ताल करती है जिसके बाद इसके लिए वोटिंग होती है। अतंरराष्ट्रीय खगोल संघ की बैठक में ग्रह को मान्यता देने की नई परिभाषा दी गई है जिसके अनुसार पूर्ण ग्रह अपनी कक्षा पर सूर्य की परिक्रमा में भ्रमण करने के अलावा इतना बड़ा होना चाहिए कि स्वयं के गुरुत्व बल के कारण पूरी तरह गोल हो सके। इसके अलावा उसके गुरूत्वाकर्षण से पड़ोसी पिंड नियत कक्षा में बने रहना चाहिए, जैसे की चाँद। अपने पास से निकलने वाले अंतरिक्षीय मलबे को भी प्रभावित करने की क्षमता देखी जाती है। कैसा है 'नया ग्रह': नासा के अनुसार टेकी बृहस्पति से 4 गुना बड़ा है। इसकी कक्षा सूर्य से धरती के मुकाबले 15 हजार गुना और प्लूटो से 375 गुना दूर है। पर यह प्लूटो से 5 गुना ज्यादा गर्म है (-73 डिग्री सेल्सियस)। यह मुख्यत: हिलियम और हाइड्रोजन गैसों से बना है। इसका वातावरण बृहस्पति जैसा हो सकता है। अन्य ग्रहों जैसे टेकी के अपने चाँद भी हो सकते हैं। इसकी सतह पर रंगीन धब्बे, रेखाएँ और बादल भी हैं। बहरहाल इसे मान्यता मिले या न मिले सौरमंडल में फिर से नौ ग्रह होने की संभावना से बहुत से लोग रोमांचित है। सूदर ब्रह्मांड में ऐसे कितने की रहस्य बिखरे पड़े है पर यह खोज इस अनंत में मानवजाति का भले ही थोड़ा सा पर विस्तार तो करती ही है।