Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

सौर प्रणाली के करीब पहुँचा वायजर वन

Advertiesment
हमें फॉलो करें सौर प्रणाली के करीब पहुँचा वायजर वन
लॉस एंजिल्स , मंगलवार, 14 दिसंबर 2010 (11:21 IST)
नासा का वायजर वन अंतरिक्ष यान सौर प्रणाली की ओर तेजी से बढ़ रहा है। वर्ष 2004 से ही मानवरहित यह अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष के एक ऐसे क्षेत्र में अनुसंधान कार्य में लगा है जहाँ सौर पवन अचानक धीमी हो जाती हैं और तारों की बीच की गहन गैस में नष्ट हो जाती है। सौर पवन, उर्जा चालित छोटे-छोटे कणों की एक पूरी धारा होती है जो सूर्य से 1. 6 मिलियन किलोमीटर प्रति घंटे की गति से निकलती रहती है।

नासा ने बताया कि हालिया आँकड़ों से पता चलता है कि सौर पवन की बाहर की ओर निकलने की औसत गति शून्य तक धीमी हो गई है। इसका मतलब यह है कि अंतरिक्ष यान सौर प्रणाली की सीमा के अब तक के सबसे अधिक करीब पहुँच चुका है जिसे हेलीपॉज कहा जाता है। नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेट्री के प्रोजेक्ट वैज्ञानिक एडवर्ड स्टोन ने बताया ‍कि इससे हमें पता चलता है कि हेलीपॉज बहुत अधिक दूर नहीं है।

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि वायजर वन के सौर प्रणाली से पूरी तरह बाहर निकलने और अंतरिक्ष के इंटरस्टेलर स्पेस में प्रवेश करने के लिए और चार साल का समय लगेगा।

अंतरिक्ष खोज की दिशा में यह बड़ी उपलब्धि जून में पता चली थी जब वैज्ञानिकों का ध्यान इस ओर गया कि सौर पवन की गति अंतरिक्ष यान की गति से मेल खा रही है। जिस प्रकार पृथ्वी पर हवा की गति बदलती रहती है उसी प्रकार अंतरिक्ष में भी सौर पवन की गति का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों के दल को कई महीने का समय लगा।

वायजर से प्राप्त परिणामों को सेन फ्रांसिस्को में अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन की बैठक में पेश किया जाएगा। 1977 में प्रक्षेपित परमाणु शक्ति युक्त वायजर वन और उसके जुड़वा वायजर टू ग्रहों का चक्कर लगा रहे हैं और अलग-अलग दिशाओं में घूमते रहते हैं। वायजर वन उत्तर में जबकि वाजयर टू दक्षिण दिशा में घूमता रहता है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi