लंदन। वैज्ञानिकों ने समुद्र में एक नया जीवाश्म खोज निकाला है, जो इस बात का सबूत है कि 45 करोड़ साल पहले भी माता-पिता अपने बच्चों की देखभाल करते थे। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ लीसेस्टर के भूवैज्ञानिक प्रोफेसर डेविड सिवेटर के नेतृत्व में वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने जीवश्म रिकॉर्ड वाले एक प्रागैतिहासिक आकृति का खुलासा किया है।
'नर्सरी इन द सी' से वैज्ञानिकों को समुद्री जीव की एक नई प्रजाति का पता लगा है जो अपने अंडों को संरक्षित करती है।
सिवेटर ने कहा, 'इस जीवाश्म रिकॉर्ड से बहुत दुर्लभ और रोमांचक चीज मिली है। कुछ ही उदारहण ऐसे हैं जिनमें अंडे अपने माता-पिता से जुड़े और जीवश्मीकृत रहते हैं।' खोज हमें बताती है कि पुराने छोटे समुद्री क्रस्टेशियन अपने बच्चों की देखभाल उसी तरह से करते थे जैसे उनके जीवित संबंधी करते हैं।
दल ने इस नई प्रजाति का नाम ल्यूप्रिस्का इंक्यूबा रखा है। खोज से इस बात के सबूत मिले हैं कि प्रजनन और बच्चे की देखभाल की रणनीति कम से कम 45 करोड़ साल पुरानी है। इससे जीवाश्म रिकॉर्ड में सबसे पुराने ओस्ट्राकोड की उपस्थिति की पुष्टि भी होती है।
ओस्ट्रोड प्राचीन उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप के हाशिए से लगे समुद्र में ऑक्सीजन की खराब परिस्थितियों में अन्य अकेशेरुकीय जानवरों के साथ रहते थे।
करंट बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में सिवेटर ने बताया, 'ओस्ट्राकोड संभवत: समुद्र तल के पास तैरने और सफाई और शिकार द्वारा अपना भोजन प्राप्त करने में सक्षम थे।' (एजेंसी)