Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

पौधों से बनने लगेगा प्‍लास्‍टिक

Advertiesment
हमें फॉलो करें पौधों से बनने लगेगा प्‍लास्‍टिक
वैज्ञानिकों का यह कहना है कि एक दिन आपकी कुर्सियां, सिंथेटिक कालीन और प्‍लास्‍टिक बैग का निर्माण पेट्रोलियम के बजाय, कोकोआ, चावल और सब्‍जियों के बचे कचरे से होगा। इस संबंध किए जा रहे शोध के बारे में विज्ञानियों ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है।

इटेलियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी के एथेनेसिया एथेनेसियो, आइल्‍कर एस बेयर और उनके साथियों द्वारा तैयार की गई यह रिपोर्ट एसीएस जर्नल मैक्रोमॉलिक्‍यूल्‍स में प्रकाशित की गई। शोधकर्ताओं की इस टीम ने यह बताया प्‍लास्‍टिक का उपयोग लगातार बढ़ता ही जा रहा है। 2012 में विश्‍वभर में इसका उत्‍पादन 288 मिलियन टन तक पहुंच चुका था।

सिंथेटिक प्‍लास्टिक हजारों सालों तक पर्यावरण को प्रदुषित करते रहते हैं। जमीन में ये भूमि में दबने के बाद इसकी उर्वरा क्षमता को भी क्षीण करते रहते हैं। इनसे निकलने वाले जहरीले घटक मानव स्‍वास्‍थ्‍य पर भी बुरा असर डालते हैं। इसके अलावा प्‍लास्टिक का निर्माण पेट्रोलियम से होता है, जो अपूर्य संसाधन है। यानि जिसकी पूर्ति नहीं की जा सकती।

ऐसी दशा में वैज्ञानिकों द्वारा प्‍लास्टिक का विकल्‍प खोजने का प्रयास किया जा रहा है। इस विकल्‍प को बायोप्‍लास्टिक नाम दिया जाएगा। हालांकि यह मंहगा और चुनौतीभरा प्रोजेक्‍ट है। लेकिन एथेनेसियो की टीम इस बायोप्‍लास्टिक के निर्माण की सस्‍ती तकनीक भी जल्‍द ही ईजाद करने का प्रयास कर रही है।

पौधों में पाया जाने वाला पॉलिमर पौधों को निर्मित करने वाला मुख्‍य घटक होता है। वैज्ञानिकों ने इस पॉलिमर में एसिड, चावल का भूंसा और कोकोआ की फलियां मिश्रित कर इससे कृत्रिम प्‍लास्टिक जैसा पदार्थ निर्मित किया है। यह प्‍लास्‍टिक की भांति ही लचीला है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस प्रोजेक्‍ट के सफल हो जाने पर कृषि से बचने वाले कचरे का बेहतरीन उपयोग किया जा सकेगा साथ ही प्‍लास्टिक से होने वाले प्रदूषण और हानिकारक प्रभावों से भी पृथ्‍वी को बचाया जा सकेगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi