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क्या होता है हाइड्रोजन बम, परमाणु बम से भी विनाशकारी है हाइड्रोजन बम

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हमें फॉलो करें क्या होता है हाइड्रोजन बम, परमाणु बम से भी विनाशकारी है हाइड्रोजन बम

WD

, बुधवार, 6 जनवरी 2016 (14:47 IST)
दूसरे विश्वयुद्ध में दुनिया एक बार परमाणु बम का कहर देख चुकी है। सिर्फ 2 परमाणु बमों से लाखों लोगों की जानें चली गई थीं और जापान को दशकों तक परमाणु बम से संबंधित विभीषिकाएं झेलनी पड़ी हैं। अभी तक कहीं भी किसी भी लड़ाई या देश में हाइड्रोजन बम का इस्तेमाल नहीं हुआ है। इसका एकमात्र कारण यह है कि यह हथियार जनसंहारक और काफी विनाशक है।  
 

उल्लेखनीय है कि हिरोशिमा और नागासाकी में गिराए गए बम, परमाणु बम थे लेकिन अभी तक हाइड्रोजन बम का उपयोग कभी नहीं किया गया है। हाइड्रोजन बम से निकलने वाली ऊर्जा, परमाणु बम से निकलने वाली ऊर्जा से हजार गुना अधिक होती है। इसके एक ही धमाके से कई शहर एकसाथ पूरी तरह तबाह हो सकते हैं।

 किसी हाइड्रोजन या थर्मोन्यूक्लियर उपकरण श्रृंखला अभिक्रिया में संलयन का प्रयोग करता है जिससे अकेले प्लूटोनियम या यूरेनियम से होने वाले विखंडन विस्फोट की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली विस्फोट होता है। हाइड्रोजन बम में हाइड्रोजन के एटम आपस में जुड़ते हैं इसीलिए उसका नाम हाइड्रोजन बम रखा गया है।

 
हाइड्रोजन बम को चालू करने के लिए ऊर्जा छोटे परमाणु बम के धमाके से मिलती है, जो नाभकीय विखंडन की प्रक्रिया पर आधारित होता है।
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परमाणु बम में यूरेनियम या प्‍लूटोनियम जैसे भारी तत्वों के नाभिक हल्‍के नाभिक में टूटते हैं। इससे जो ऊर्जा निकलती है वह अपने आप में ही काफी विध्‍वंसक होती है। इस ऊर्जा का उपयोग कर हाइड्रोजन बम काम करना शुरू करता है। नाभि‍कीय संलयन की इस प्रक्रिया में हल्‍के तत्‍वों के नाभिक जुड़ते हैं जिससे और अधिक ऊर्जा निकलती है।
अगले पन्ने पर जानें क्यों परमाणु बम से भी विनाशकारी है हाइड्रोजन बम : 

क्यों परमाणु बम से भी विनाशकारी है हाइड्रोजन बम : हाइड्रोजन बम को छोटे आकार में बनाना आसान होता है इसलिए उन्‍हें मिसाइल में आसानी से रखा जा सकता है।
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परमाणु बम में उच्‍च स्‍तर का रेडिएशन होता है, लेकिन हाइड्रोजन बम में इससे हजारों गुना अधिक घातक होता है। जहां तक बात इसके धमाके से सुरक्षित दूरी की है, तो यह हाइड्रोजन बम के आकार पर निर्भर करता है। जितना बड़ा हाइड्रोजन बम होगा, उसकी मारक क्षमता उतनी ही अधिक होगी।
 
20 किलोटन परमाणु विस्‍फोट से करीब आधा किमी चौड़ा आग का गोला बनता है। 1.6 किमी का दायरा तत्‍काल घातक रेडिएशन के प्रभाव में आ जाता है। इसके साथ ही करीब पांच किमी के दायरे में घातक शॉक वेव फैल जाती है। 20 किलोटन से अर्थ है कि 20 हजार टीएनटी का एक साथ धमाका होना। इतना बड़ा धमाका हिरोशिमा में हुआ था।
 
54 मेगा टन (5.40 करोड़ टीएनटी का धमाका) हाइड्रोजन बम का धमाका करीब 16 किमी चौड़ा आग का गोला बनाता है। घातक रेडिएशन का असर तत्‍काल 12.8 किमी से 19 किमी तक होता है। धमाका सैकड़ों वर्ग किमी इलाके में रखे बिना ढंके इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरणों को उड़ा सकता है।

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