वाशिंगटन। कम सोने के कारण इंसुलिन को लेकर शरीर की संवेदनशीलता कम हो जाती है और रक्त में शर्करा को नियंत्रित करने की इसकी क्षमता भी प्रभावित होती है जिससे मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है।
हाल ही में हुए एक अध्ययन में लोगों को इस संबंध में आगाह किया गया है। इस अध्ययन में अपर्याप्त नींद से मोटापा, मेटाबोलिक सिंड्रोम, मनोवस्था संबंधी विकार, संज्ञानात्मक विकार और दुर्घटनाओं से संबंध के बारे में भी बताया गया है।
अमेरिका के कोलोराडो बाउल्डर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख लेखक केनेथ राइट जूनियर ने कहा कि जब लोग बहुत कम सोते हैं तो उनके शरीर की घड़ी कहती है कि उनको सोना चाहिए और जब वह सुबह में कुछ खाते हैं तो यह उनके रक्त में शर्करा को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करता है।
राइट और सह लेखक राबर्ट एकेल ने अपने अध्ययन के लिए 16 स्वस्थ पुरूषों और महिलाओं को चुना। इस अध्ययन का प्रकाशन ‘करेंट बायोलॉजी’ नामक जर्नल में हुआ है। (भाषा)