हमारे सौर मंडल में नौवें ग्रह की उपस्थिति से जुड़े साक्ष्य मिले हैं जिसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान से करीब 10 गुना अधिक है और यह सूर्य का एक चक्कर लगाने में 20,000 वर्ष लेता है।
यह पिण्ड जिसे ‘प्लैनेट नाइन’ का नाम दिया गया है वह वरुण (नेपच्यून) की तुलना में औसतन 20 गुना अधिक दूरी से सूर्य की परिक्रमा करता है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि इतनी अधिक दूरी होने के कारण ग्रह को सूर्य की पूर्ण परिक्रमा करने में 10,000 से 20,000 वर्ष लगते होंगे।
अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रौद्योगिकी संस्थान के कांस्टेनटिन बेटीगिन और माइक ब्राउन ने गणितीय मॉडलिंग और कंप्यूटर सिमुलेशन के माध्यम से ग्रह के अस्तित्व की खोज की, लेकिन उन्होंने अब तक सीधे तौर पर ग्रह को नहीं देखा है।
ब्राउन ने कहा, ‘प्राचीन समय से अब तक केवल दो वास्तविक ग्रहों की खोज हुई है और यह तीसरा हो सकता है।’ उन्होंने कहा कि इस नौवें ग्रह, जिसका द्रव्यमान प्लूटो से 5000 गुना अधिक है, उसके वास्तविक ग्रह होने के बारे में कोई संदेह नहीं है।
बौने ग्रहों (ड्वार्फ ग्रहों) के विपरीत प्लैनेट नाइन अपने गुरुत्वाकषर्ण बल से अपने पड़ोसी ग्रहों पर हावी रहता है। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार प्लैनेट नाइन की मौजूदगी का पता चलने से काइपर बेल्ट में मौजूद रहस्यमयी चीजों की खोज में मदद मिलेगी। यह बेल्ट सौर मंडल के बाहरी क्षेत्र में स्थित है और नेपच्यून की कक्षा से 30 एयू दूर है।
उन्होंने कहा, ‘150 वर्षों से भी अधिक समय में ऐसा पहली बार हुआ है जब इस बात के पक्के सबूत मिले हैं कि सौर मंडल में ग्रहों की संख्या की गणना अधूरी है।’ इस अध्ययन का प्रकाशन एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में हुआ है। (भाषा)