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अंतरिक्ष में सुलझा यह बड़ा रहस्य

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वॉशिंगटन , सोमवार, 2 नवंबर 2015 (19:21 IST)
वॉशिंगटन। नासा के वायजर-1 द्वारा अन्य अंतरिक्ष यान से भिन्न चुंबकीय क्षेत्र का पता लगाए जाने का रहस्य अब सुलझ गया है। वायजर-1 ने 35 साल की यात्रा के बाद सूर्य के व्यापक सुरक्षा घेरे हेलिओस्फेयर को भेदने के बाद कुछ भिन्न संकेत भेजा था, लेकिन इस अंतरिक्षयान द्वारा प्राप्त किया गया चुंबकीय क्षेत्र से जुड़ा आंकड़ा वैसा नहीं था जिसकी उम्मीद वैज्ञानिकों को थी।
न्यू हैम्पशायर विश्वविद्यालय के खगोल भौतिकविद और इस अध्ययन के प्रमुख लेखक नाथन स्व्रेडॉन ने कहा कि अब भी वायजर-1 द्वारा हेलियोपॉज को पार करने से नकारने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा कि और संदेह का कारण है कि जब अंतरिक्षयान ने हेलियोपॉज को पार किया तो एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर चुंबकीय क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव होना चाहिए। 
 
इस रहस्य के बारे में अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि लोकल इंटरसेलर स्पेस में प्राप्त चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में अपेक्षित से 40 डिग्री से अधिक के कोण से बदलाव हुआ था। स्व्रेडॉन और उनके सहयोगियों ने अन्य अंतरिक्षयानों द्वारा एकत्र किए गये चार अलग-अलग आंकड़ों की मदद से इस रहस्य को सुलझा दिया। इस अध्ययन का प्रकाशन एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेर्ट्स में हुआ है। (भाषा)

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