कुंभ संक्रांति में सूर्य देव कुंभ राशि यानी शनिदेव के घर में आ जाते हैं। 13 फरवरी को शनि की राशि कुंभ में सूर्यदेव पधार चुके हैं। इस दौरान भगवान सूर्य के आलावा शनिदेव को भी प्रसन्न किया जा सकता है। कुंभ संक्रांति में शनि उपासना से जीवन में सौभाग्य, दौलत, सफलता और सम्मान प्राप्त होता है। शास्त्रों में कुंभ संक्रांति में मनोरथ सिद्धि व कष्ट-पीड़ाओं से मुक्ति के लिए शनि मंत्रों से उपासना बहुत ही मंगलकारी बताई गई है। प्रचुर धन प्राप्ति के लिए नीचे दिए गए किसी भी एक मंत्र का जाप कुंभ संक्रांति में करें। जाप संध्याकाल के समय करें-
वैदिक मंत्र
ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शंयोरभि स्रवन्तु न:।।
पौराणिक मंत्र
नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामी शनैश्चरम्।।
बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
सामान्य मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नम:
शनिजी की प्रतिमा पर सरसों का तेल चढ़ाएं और इनका जाप करें-
ॐ नीलांजन नीभाय नम:
ॐ नीलच्छत्राय नम: