AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपने फायरब्रांड अंदाज में जमकर भाजपा पर तंज कसे। लखीमपुर कांड पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आशीष के अब्बाजान को क्यों बचा रहे हैं। इसलिए कि वे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और स्वर्ण जाति से हैं और उनका नाम अजय मिश्रा हैं। यदि अजय मिश्रा की जगह यही नाम अतीक अहमद होता तो अब तक उसके घर पर बुलडोजर चल चुका होता।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमी के चीफ ओवैसी ने बलरामपुर में उतरौला विधानसभा के सादुल्लाह नगर में जनसभा करते हुए बोले कि किसानों को गाड़ी से रौंदने वाले आशीष मिश्रा के पिता अजय मिश्रा केंद्रीय मंत्री हैं, प्रधानमंत्री उन्हें मंत्री पद से क्यों नहीं हटा रहे हैं, वहीं लखीमपुर कांड पर योगी सरकार ने अजय मिश्रा टेनी के मामले में चुप्पी क्यों लगा रखी है। ओवैसी ने तत्काल प्रभाव से मंत्री अजय मिश्रा को कैबिनेट से हटाने की मांग की है।
जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों अब एकजुट होने का समय आ गया है, अब आप लोगों को अपनी ताकत दिखानी होगी। इसके लिए मजलिस को वोट देना पड़ेगा। यूपी में अभी मुसलमानों का कोई नेता नहीं है। आपको नेता चुनकर लड़ाई लड़नी होगी।
असदुद्दीन ओवैसी के साथ मंच पर लंबा-चौड़ा भगवा और तिलकधारी व्यक्ति बैठा होना कौतूहल का विषय बन गया। मिली जानकारी के मुताबिक इस टीकाधारी का नाम रामनिवास शुक्ला है, जो होमगार्ड की नौकरी करता था। अब होमगार्ड की नौकरी छोड़कर पूजा-पाठ का काम पंडिताई कर रहा है।
हालांकि रामनिवास शुक्ला ने मंच से कहा कि वह उतरौला के घोषित प्रत्याशी डॉ. अब्दुल मन्नान का नजदीकी हैं और लंबे समय तक उनके साथ रह रहा हैं। डॉ. मन्नान सलीकेदार और लोगों के मददगार है इसलिए वह उनको पसंद करता है।
आगामी चुनाव के लिए सभी पार्टियां ब्राह्मणों को साधने में लगी हुई है। ऐसे में ओवैसी के मंच पर भगवा और तिलकधारी छाप के शख्स का होना यह बताता है कि उन्होंने ब्राह्मण चेहरे को मंच पर जगह देकर यह बताने की कोशिश की है कि हम भले ही मुस्लिम नेतागिरी कर रहे हैं, मगर किसी गैर मुस्लिम से भी कोई दिक्कत नहीं है। अब तो यह आने वाला समय ही बताएगा कि ब्राह्मण समाज को ओवैसी कितनी तरजीह देते हैं।