Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कालसर्प दोष क्या है? इसके भयानक लक्षण और बचाव, जानिए लाल किताब के उपाय

हमें फॉलो करें कालसर्प दोष क्या है? इसके भयानक लक्षण और बचाव, जानिए लाल किताब के उपाय

अनिरुद्ध जोशी

कुछ विद्वान मानते हैं कि काल सर्प दोष नहीं होता और कुछ इसे मानते हैं। दरअसल राहु और केतु के कारण ही काल सर्प दोष होता है। इसलिए लाल किताब में राहु और केतु के अचूक उपाय बताए गए हैं। आओ जानते हैं काल सर्प दोष के बारे में संक्षिप्त जानकारी और अचूक उपाय।
 
 
काल सर्प दोष और लाल किताब:-
लाल किताब अनुसार काल सर्प दोष कुछ नहीं यह राहू का दोष है। लाल किताब अनुसार राहू बद और राहु नेक होता है। यदि राहु बद है और वह किसी भी खाने में बैठा है तो उसका बुरा असर होगा। राहु की परेशानी हमेशा अचानक खड़ी होने वाली परेशानी होती है। राहू की परेशानी अचानक बिजली की तरह आती है और उसी तरह चली भी जाती है।
 
राहु की सबसे बड़ी जो रुकावट बृहस्पति के लिए होती है और बृहस्पति हमारी किस्मत है। कई बार हमारी किस्मत में जो परमात्मा ने लिखकर भेजा है लेकिन उसमें राहु की रुकावट आ जाती है या राहु का ग्रहण लग जाता है। यह ग्रहण कई बार हम अपने कर्मों से लगा लेते हैं और कई दफे यह हमारे ग्रहों के फेर से भी हो जाता है।
 
राहु के बुरे प्रभाव के लक्षण:-
- काला जादू, तंत्र, टोना, आदि में रुचि लेना। जीवन में अचानक घटनाओं का घटना। अचानक उत्तेजित हो जाना। भयभीत करने वाले स्वप्न आना या चमक कर उठ जाना, रात को नींद न आना। रात को सपने ही सपने ही आना भी राहु के बुरे प्रभाव के लक्षण माने गए हैं। 
 
- यदि अचानक शरीर अकड़ने लगे या दिमाग अनावश्यक तनाव से घिर जाए और चारों तरफ अशांति ही नजर आने लगे, घबराहट जैसा होने लगे तो इन सभी का कारण भी राहु है। वैराग्य भाव या मानसिक विक्षिप्तता भी राहु के कारण ही जन्म लेते हैं। 
 
- बेकार के दुश्मन पैदा होना, बेईमान या धोखेबाज बन जाना, मद्यपान करना, अति संभोग करना या सिर में चोट लग जाना यह सभी राहु के अशुभ होने की निशानी है। ऐसे व्यक्ति की तरक्की की शर्त नहीं।
 
कैसे हो जाता है राहु खराब?
-राहू के खराब होने का कई कारण है उनमें से मुख्‍य तो है आपका कर्म। कर्म खराब है तो भाग्य भी खराब होगा।
-घर की जो दहलीज का दब जाना, खराब हो जाता।
-अतीत का रोना रोते रहना और भविष्य की कल्पना कर खियाली पुलाव पकाना।
-पेट के बल सोने की आदत।
-दिमाग में विचार या निर्णयों का बार-बार बदलते रहना।
-पानी, आग और ऊंचाई से ज्यादा डरना।
-अनावश्यक आशंका, कुशंका, डर और बैचेनी का बना रहना।
-किसी पर भी विश्वास नहीं करना आदि।
-शौचालय या स्नानघर का गंदा रहना।
-सीढ़ियों का टूटा फूटा या गंदा रहना।
 
लाल किताब के सामान्य उपाय:-
-रोटी रसोई में बैठकर खाएं।
-दीवारों को साफ रखें।
-टॉयलेट, बाथरूम की सफाई रखें।
-ससुराल से संबंध अच्छे रखें।
-पागलों को खाने को दें।
*धर्म स्थान की सीढि़यों पर 10 दिन तक पौछा लगाएं।
-माथे पर चंदन का तिलक लगाएं।
-घर में ठोस चांदी का हाथी रख सकते हैं।
-सरस्वती की आराधना करें।
-लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर मंगल या गुरु का उपाय करें।
 
खानों के अनुसार उपाय:-
1.खाना नम्बर एक:- यदि आपकी कुंडली के पहले भाव में राहु और सातवें भाव में केतु हो तो चांदी की ठोस गोली अपने पास रखें।
 
2.खाना नम्बर दो:- यदि आपकी कुंडली के दूसरे भाव में राहु और आठवें में केतु हो तो दो रंग या ज्यादा रंगों वाला कम्बल दान करें।
 
3.खाना नम्बर तीन:- यदि आपकी कुंडली के तीसरे भाव में राहु और नवम भाव में केतु हो तो सोना धारण करें। बाएं हाथ की कनिष्ठा में सोने का छल्ला पहने या चने की दाल बहते पानी में बहाएँ।
 
4.खान नम्बर चार:- यदि आपकी कुंडली के चौथे भाव में राहु और दसम भाव में केतु हो तो चाँदी की डिब्बी में शहद भरकर घर के बाहर जमीन में दबाए।
 
5.खान नम्बर पांच:- यदि आपकी कुंडली के पांचवे भाव में राहु और ग्यारहवें भाव में केतु हो तो घर में चांदी का ठोस हाथी रखें।
 
6.खान नम्बर छह:- यदि आपकी कुंडली के छटे भाव में राहु और बारहवें भाव में केतु हो तो बहन की सेवा करना, ताजे फुल को अपने पास रखना। कुत्ता पालना।
 
7.खाना नम्बर सात:- यदि आपकी कुंडली के सातवें भाव में राहु और पहले भाव में केतु हो तो लोहे की गोली को लाल रंग से अपने पास रखना। चांदी की डिब्बी में बहते पानी का जल भरकर उसमें चांदी का एक चौकोर टुकड़ा डालकर तथा डिब्बी को बंद करके घर में रखने की सलाह दी जाती है। ध्यान रखते रहें कि डिब्बी का जल सूखे नहीं।
 
8.खाना नम्बर आठ:- यदि आपकी कुंडली के अष्टम भाव में राहु और दूसरे भाव में केतु हो तो आठ सौ ग्राम सिक्के के आठ टुकड़े करके एक साथ बहते पानी में प्रवाहित करना अच्छा होगा।
 
9.खाना नम्बर नौ:- यदि आपकी कुंडली के नवम भाव में राहु और तीसरे भाव में केतु हो तो चने की दाल पानी में प्रवाहित करें। चाँदी की ईंट बनवाकर घर में रखें।
 
10.खाना नम्बर दस:- यदि आपकी कुंडली के दसम भाव में राहु और चौथे भाव में केतु हो तो पीतल के बर्तन में बहती नदी या नहर का पानी भरकर घर में रखना चाहिए। उस पर चांदी का ढक्कन हो तो अति उत्तम।
 
11.खाना नम्बर ग्यारह:- यदि आपकी कुंडली के ग्यारहवें भाव में राहु और पांचवें भाव में केतु होने पर 400 ग्राम सिक्के के 10 टुकड़े करा कर एक साथ बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए। इसके अलावा 43 दिनों तक गाजर या मूली लेकर सोते समय सिरहाने रखकर सुबह मंदिर आदि पर दान कर दें।
 
12.खाना नम्बर बारह:- यदि आपकी कुंडली के बारहवें भाव में राहु और छटे भाव में केतु हो तो लाल रंग की बोरी के आकार की थैली बनाकर उसमें सौंफ या खांड भर कर सोने वाले कमरे में रखना चाहिए। कपड़ा चमकीला न हों। केतु के लिए सोने के जेवर पहनना उत्तम होगा।
 
सावधानी : उपरोक्त बताए गए उपायों को लाल किताब के किसी योग्य ज्योतिष से सलाह लेकर ही अमल में लाएं, क्योंकि कुंडली के अन्य ग्रहों का विश्लेषण भी करना होता है।
 
कॉपीराइट : वेबदुनिया

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

31 जुलाई 2019 का राशिफल और उपाय