Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

केतु यदि है 3rd भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य

हमें फॉलो करें केतु यदि है 3rd भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य

अनिरुद्ध जोशी

, शनिवार, 4 जुलाई 2020 (10:36 IST)
कुण्डली में राहु-केतु परस्पर 6 राशि और 180 अंश की दूरी पर दृष्टिगोचर होते हैं जो सामान्यतः आमने-सामने की राशियों में स्थित प्रतीत होते हैं। केतु का पक्का घर छठा है। केतु धनु में उच्च और मिथुन में नीच का होता है। कुछ विद्वान मंगल की राशि में वृश्चिक में इसे उच्च का मानते हैं। दरअसल, केतु मिथुन राशि का स्वामी है। 15ए अंश तक धनु और वृश्चिक राशि में उच्च का होता है। 15ए अंश तक मिथुन राशि में नीच का, सिंह राशि में मूल त्रिकोण का और मीन में स्वक्षेत्री होता है। वृष राशि में ही यह नीच का होता है। लाल किताब के अनुसार शुक्र शनि मिलकर उच्च के केतु और चंद्र शनि मिलकर नीच के केतु होते हैं। लेकिन यहां केतु के तीसरे घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें, जानिए।
 
 
कैसा होगा जातक : धैर्यवान। बुद्धि से काम ले तो अशुभ असर से बचने के रास्ते मिलते जाएंगे। तीसरा घर केतु के शत्रु ग्रह बुध और मंगल से प्रभावित होता है। यहां स्थित केतु शुभ है तो जातक के बच्चे अच्छे होंगे और वह सभ्य होगा। इस स्थिति में मंगल बारहवें भाव में हो तो जातक को चौबीस साल से पहले पुत्र की प्राप्ति होती है। पुत्र जातक के धन और दीर्घायु के लिए अच्छा होता है। जातक लम्बी यात्राओं वाली नौकरी करता है। तीन की संख्या जातक के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
 
ले‍किन यदि केतु अशुभ हो तो जातक मुकदमेबाजी में पैसे खर्च करता है। वह अपनी पत्नी से अलग हो जाता है। ऐसा जातक दक्षिण मुखी घर में रहता है। वह बच्चों को लेकर  परेशान रहता है। ऐसा जातक किसी भी बात के लिए ना नहीं कहता इसलिए वह हमेशा परेशान रहता है। जातक को अपने भाइयों से परेशानी होती है और वह बेकार की यात्रा करता है।  
 
5 सावधानियां :
1. व्यर्थ का झगड़ा मोल न लें। मित्रों से विवाद न करें।
2. बीना सोचें-समझें दूसरे की सलाह न लें। झूठ ना बोलें।
3. मकान का प्रवेश द्वार दक्षिण में न रखें।
4. व्यर्थ का सफर न करें। रीढ़ संबंधि बीमारी से बचें।
5. मांस और मदिरा का सेवन ना करें।
 
क्या करें : 
1. भाइयों का ध्यान रखें।
2. केसरिया तिलक लगाएं।
3. सोने के आभूषण पहनें।
4. गुड़ और चावल जल में प्रवाहित करें।
5. प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें और मंगल का उपाय करें।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Shri Krishna 2 July Episode 61 : जब उद्धवजी ले जाते हैं कृष्ण का पत्र तो उसे फाड़ देती हैं गोपियां