ग्रहों की शांति के लिए कुछ लोग अनुष्ठान करवाते हैं, कुछ लोग रत्न पहनते हैं और कुछ लोग लाल किताब के उपाय आजमाते हैं। लेकिन इस बार हम लाएं हैं आपके लिए ग्रहों से संबंधित ऐसी वस्तुओं, पौधों और जड़ियों की जानकारी जिनके उपायोग से आपके संकट तो मिटेंगे ही साथ आप मालामाल हो जाएंगे।
यहां संक्षिप्त रूप में ग्रहों के किसी वस्तु, पशु, पौधे और जड़ी बूटियों पर उनके प्रभाव को बताया गया है। इन्हें जानकर आप किसी तरह अपने घर में इन्हें आजमा सकते हैं यह नीचे पढ़ें।
1.सूर्य ग्रह-
सूर्य ग्रह के लिए लाल किताब में तेजफल का वृक्ष माना गया है जबकि ज्योतिष में आंकड़ा माना गया है। इसके अलावा पर्वतों पर उगने वाले पौधे, मिर्च, काली मिर्च, शलज़म, सूर्यमुखी का फूल, सरसों, गेहूं पर भी सूर्य का अधिकार होता है। विल्वमूल की जड़ को धारण करने से सूर्य ग्रह तेज होता है।
गुड़ खाना से सूर्य का दोष दूर होता है। बंदर, पहाड़ी गाय और कपिला गाय को भी अन्य देने से सूर्य का दोष शांत होता है। सूर्य को अर्ध देना और भगवान विष्णु की पूजा करने से भी सूर्य का दुष्प्रभाव दूर होता है। माणिक पत्थर इसका है।
2.चंद्र ग्रह-
चंद्र ग्रह के लिए लाल किताब में पोस्त का हरा पौधा, जिसमें दूध हो बताया गया है जबकि ज्योतिष में पलाश के पौधे का वर्णन मिलता है। इसके अलावा खोपरा, ठंडे पदार्थ, रसीले फल, चावल और सब्जियों पर भी चंद्र का अधिकार रहता है। खिरनी की जड़ धारण करने से चंद्र के सभी दोष दूर होते हैं। वस्तुओं में दूध, मोती, चंदी, चावल और पशुओं में घोड़ा चंद्र का प्रतीक है।
3.मंगल-
लाल किताब के अनुसार मंगल दो प्रकार के होते हैं। मंगल नेक के लिए नीम का वृक्ष और मंगल बद के लिए ढाक का वृक्ष बताया गया है जबकि ज्योतिष में खैर के वृक्ष को भी मंगल की शांति के लिए लाभदायक बताया गया है। इसके अलावा नुकीले वृक्ष, बरगद, अदरक, अनाज, जिन्सें, तुअर दाल, मूंगफली पर मंगल का अधिकार रहता है अनंतमूल की जड़ धारण करने से मंगल दोष दूर होता है।
मंगल नेक का पशु शेर और मंगलबद का पशु ऊंट-ऊंटनी और हिरन है। जोभी लाल पत्थर है वह मंगल नेक का और चमकीला पत्थर मंगल बद का माना गया है। वस्त्रों में पोशाक बंडी मंगल नेक की है। यदि सिर को खुला रखा तो समझो मंगल बद का असर होगा।
4.बुध ग्रह-
बुध ग्रह के लिए केला, चौड़े पत्ते के पौधे या वृक्ष होते हैं। हालांकि आंधीझाड़ा की झाड़ी को भी बुध की शांति के लिए लाभदायक बताया गया है। इसके अलावा नर्म फसल, मूंग दाल और बैंगन पर भी बुध का अधिकार होता है। विधारा की जड़ धारण करने से बुध का दोष दूर होता है। हरे मुंग की दाल खाने से लाभ मिलेगा। बकरा, बकरी, भेड़, चमगादड़ इसके पशु हैं। टोपी, नाड़ा, तगारी और पेटी इसकी वस्तुएं हैं। हिरा और पन्ना इसकी धातुएं हैं।
5.गुरु ग्रह-
गुरु ग्रह के लिए पीपल का वृक्ष बताया गया है। कुछ लोग पारस पीपल की बात करते हैं। इसके अलावा केले के वृक्ष, खड़ी फसल, बंगाली चला और गांठों वाले पादप से जुड़े पौधे पर भी गुरु का अधिकार होता है। भारंगी/केले की जड़ धारण करने से गुरु का दोष दूर होता है। पीली वस्तुएं गुरु ग्रह की हैं। पशुओं में बब्बर शेर और वस्त्रों में पगड़ी गुरु हैं। सोना या पुखराज पहनने से गुरु के दोष दूर होते हैं।
6.शुक्र ग्रह-
शुक्र ग्रह के लिए लाल किताब में कपास का पौधा और बेलदार पौधे बताए गए हैं जबकि अन्य ज्योतिष में गुलर का पौधा बताया गया है। इसके अलावा फलदार वृक्ष, फूलदार पौधे, मटर, बींस, पहाड़ी पादप, मेवे पैदा करने वाले पादप और लताओं पर भी शुक्र का अधिकार होता है। सिंहपुछ की जड़ धारण करने से शुक्र का दोष दूर होता है। पशुओं में अश्व, गाय और बैल, पोशाक में कमीज और वस्तुओं में मिट्टी एवं है। हीरा इसकी धातु है।
7.शनि ग्रह-
शनि ग्रह के लिए लाल किताब में कीकर, आक, खजूर का वृक्ष बताया गया है लेकिन ज्योतिष में शमी का पेड़ बताया गया है। इसके अलावा पादपों में जहरीले और कांटेदार पौधे, खारी सब्जियां, तम्बाकू पर भी शनि का अधिकार होता है। बिच्छोल की जड़ धारण करने से शनि का दोष दूर होता है। पशुओं में भैंस या भैंसा, पोशाक में जुराब और जूता बताया गया है। वस्तुओं में शहद, लोहा या फौलाद और नग में नीलम। घर में शहद रखने और खाने से शनि शांत रहता है।
8.राहु ग्रह-
राहु ग्रह के लिए लाल किताब में नारियल का पेड़ और कुत्ता घास बताई गई है जबकि ज्योषित में चंदन का पेड़ बताया गया है। इसके अलावा लहसुन, काले चने, काबुली चने और मसले पैदा करने वाले पौधों पर राहु और केतु का अधिकार होता है। चंदन की जड़ धारण करने से राहु का दोष दूर होता है। पशुओं में हाथी और कांटेदार जंगली चूहा जबकि वस्तुओं में नीलम, सिक्का और गोमेद महत्वपूर्ण है। पोशाक में पायजामा और पतलून है।
9.केतु ग्रह-
केतु ग्रह के लिए लाल किताब में इमली का दरख्त, तिल के पौधे और केले के वृक्ष को बताया गया है जबकि ज्योतिष में अश्वगंधा को। इसके अलावा लहसुन, काले चने, काबुली चने और मसले पैदा करने वाले पौधों पर राहु और केतु का अधिकार होता है। अश्वगंध की जड़ धारण करने से केतु का दोष दूर होता है। पशुओं में कुत्ता, गधा, सूअर और छिपकली एवं पोशाक में दुपट्टा, कंबल एवं ओढ़नी को बताया गया है। वस्तुओं में द्विरंगा पत्थर बताया गया है।
कैसे करें उपाय-
यदि आपकी कुंडली में कोई ग्रह उच्च का है तो उससे संबंधित वस्तुओं का न तो दान करे और न उसका अधिक सेवन करें। यदि कोई ग्रह नीच का होकर बुरे फल दे रहा है तो उसका दान करना चाहिए। जैसे कुंडलीर में यदि केतु नीच का है तो दोरंगी कंबल दुपट्टा या ओढ़नी किसी मंदिर में दान करें या किसी गरीब को दे दें। केले या इमली के पौधे घर के बाहर उचित दिशा और स्थान पर लगाएं और उन्हें खाएं या ये वृक्ष कहीं भी लगे हों तो आप उनकी पूजा करें। अश्वगंधा की जड़ को विधिवत पूजा करके धारण करें। कुत्ते, गधे या सूअर को तेल चुपड़ी रोटी खिलाएं। इस एक उदाहण से आप समझ ही गए होंगे कि अन्य ग्रहों का उपचार कैसे करना है। इसी तरह अन्य ग्रहों के भी उपाय किसी लाल किताब के विशेषज्ञ के पूछकर करें।
क्या होगा उपायों से-
दरअसल, सूर्य और बुध की परेशान दूर होने से व्यापार, नौकरी, पद प्रतिष्ठा में लाभ मिलेगा। चंद्र और शुक्र की परेशानी दूर होने से धन, सुख, समृद्धि, शांति और दाम्पत्य जीवन में सुख मिलेगा। मंगल, शनि, राहु और केतु की परेशनी दूर होते से हर तरह का संकट मिट जाएगा। मन में आत्मविश्वास जाग्रत होगा और व्यक्ति हर कार्य में सफल होकर धन, स्त्री और पुत्र सुख को प्राप्त करेगा।