लाल किताब के अनुसार सबसे जरूर है अपने कर्म को शुद्ध रखना और नियम एवं अनुशासन से जीवनयापन करना। सबसे जरूरी है कि किसी भी प्रकार का व्यसन और नशा न करें। करते हों तो त्याग दें। झूठ ना बोलें और ब्याज का धंधा न करें। सभी तरह के तांत्रिक अनुष्ठान और रात्रि के घोर कर्मों से दूर रहें।
1. सिरहाने कुछ रुपए-पैसे रख कर प्रात: सफाईकर्मी को दे दें।
2. प्रति माह गाय, कौए और कुत्तों को मीठी रोटियां खिलाएं।
3. पका हुआ सीता फल कभी-कभी मंदिर में रख आएँ।
4. रक्तचाप, घबराहट या अनावश्यक भय के लिए रात को सोते समय दूध या पानी भरा बर्तन सिरहाने रख कर सोएं और अगले दिन कीकर की जड़ में सारा जल डाल दें या देहली के बाहर ढोल दें।
5. कान की बीमारी के लिए काले-सफेद तिल सफेद और काले कपड़े में बांधकर जंगल या किसी सुनसान जगह पर गाड़कर आ जाएं।
6. जब भी श्मशान या कब्रिस्तान से गुजरना तो तांबे के सिक्के उक्त स्थान पर डालने से दैवीय सहायता प्राप्त होगी।
7. यदि आंखों में पीड़ा हो तो शनिवार को चार सूखे नारियल या खोटे सिक्के नदी में प्रवाहित करें।
8. शुगर, जोड़ों का दर्द, मूत्र रोग, रीढ़ की हड्डी में दर्द के लिए काले कुत्ते की सेवा करें।
9. बुखार न उतरें तो तीन दिन लगातार गुड़ और जौ सूर्यास्त से पूर्व मंदिर में रख आएं।
10. नित्य हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। हनुमानजी को गुड़ चने चढ़ाएं और हो सके तो चौला चढ़ाएं।
11. शनि संबंधी रोग से बचने के लिए शनिवार को छाया दान करें।
12. मंगल या शनिवार को पानीदार एक नारियल लें और उसे अपने ऊपर से 21 बार वारें। वारने के बाद उसे किसी देवस्थान पर जाकर अग्नि में जला दें। ऐसा परिवार के जिस सदस्य पर संकट हो उसके ऊपर से वारें।
13. दोनों कान छिदवाकर उसमें सोने का तार 43 दिन तक डाल कर रखें। इससे राहु और केतु संबंधी दोष व रोग दूर होते हैं।
14.काला और सफेद दोनों रंग दोरंगी कंबल लेकर उसको 21 बार खुद पर से वारकर उसे किसी मंदिर में या गरीब को दान कर दें। यह उपाय राहु और केतु के रोग दूर करता है।
15. मंगलवार कौ सफेद सुरमा आंखों में लगाए, शनिवार को नाभि पर घी लगाएं, मंगलवार को कीकर या नीम की दातुन करें और शुक्रवार को दही से स्नान करें।
चेतावनी : उपरोक्त उपाय जानकारी हेतु हैं। किसी लाल किताब के विशेषज्ञ से अपनी कुंडली की जांच करवाकर ही उपाय कर सकते हैं।