वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह मीन में उच्च और कन्या में नीच का होता है। लाल किताब में सप्तम भाव शुक्र का पक्का घर है। सूर्य और चंद्र के साथ या इनकी राशियों में शुक्र बुरा फल देता है। लेकिन यहां सातवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें और क्या करें जानिए।
कैसा होगा जातक : यदि शुक्र यहां उच्च का है तो अमीर खानदान की सुंदर स्त्री मिलती है। व्यक्ति की घर से दूर परदेश में कमाई हो सकती है। शादी के बाद 37 वर्ष तक जीवन सुखमय गुजरेगा। यह घर शुक्र का ही होता है यदि पहले भाव में उसके शत्रु ग्रह नहीं हो तो यहां स्थित शुक्र बहुत अच्छे परिणाम देता है। यदि पहले भाव में स्थित ग्रह शुक्र का शत्रु ग्रह जैसे राहु हो तो जातक की पत्नी और घरेलू मामले बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। जातक अपनी दौलत पराई महिलाओं पर खर्च करता है। विवाह से संबंधित व्यापार-व्यवसाय जैसे टेन्ट हाउस और ब्यूटी पार्लर आदि का काम जातक के लिए फायदेमंद रहेगा।
शुक्र की सावधानियां :
1. ससुराल पक्ष के साथ कारोबार न करें।
2. पराई बुरी महिला से किसी भी प्रकार का संबंध न रखें।
3. कभी भी पत्नी का अपमान न करें।
4. बेहया, बेशर्म या कामी विचारों से घिरे रहने से बर्बादी हो सकती है।
5. छत में उजालदान न लगाएं अर्थात घर में आसमान से रोशनी के रास्ते बंद कर दें।
क्या करें :
1. काली या लाल गायों की सेवा करें।
2. शरीर और घर की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।
3. माता लक्ष्मी की पूजा करें। शुक्रवार को खटाई न खाएं।
4. गंदी नाली या नहर में 43 दिनों तक नीले फूल फेंकें।
5. जीवन साथी के बजन के बराबर किसी मन्दिर में जौ दान करें।