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भाषा विज्ञान: करियर का नया द्वार

हमें फॉलो करें भाषा विज्ञान: करियर का नया द्वार
सामान्य परिचय- भाषा विज्ञान की सर्वमान्य तथा सर्वसाधारण परिभाषा यही है कि यह भाषाओं का विज्ञान है। इन दिनों भाषा विज्ञान को एक उच्च कोटि का तकनीकी विषय माना जाने लगा है।

भाषाओं को इण्डो-आर्यन तथा ईरानियन भाषाओं के रूप में वर्गीकृत किया गया है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आगमन तथा उदारीकरण के युग में भाषा विज्ञान का महत्व बढ़ गया है।

स्वरूप- दुनियाभर में हजारों भाषाएँ बोली जाती हैं, जिसका स्वरूप ध्वनियों पर आधारित होता है। व्याकरण तथा लिपि की विविधता ने भी भाषा को अनेक स्वरूप प्रदान किए हैं। इसके अंतर्गत ध्वनि, उच्चारण का अध्ययन, अनुवाद कार्य शामिल हैं।

संभावना/कार्यक्षेत्र- वैश्वीकरण और आर्थिक उदारीकरण ने भाषा विज्ञान के क्षेत्र में संभावनाएँ बढ़ाई हैं। जहाँ इसका कार्यक्षेत्र पूरी दुनिया में फैला है, वहीं सारी दुनिया में भाषा विज्ञान के क्षेत्र में संभावनाएँ बढ़ी हैं।

भाषा विज्ञान के क्षेत्र में फिलोलॉजिस्ट लिंग्विस्ट, इंटरप्रेटर (दुभाषिया), अनुवादक (स्क्रिप्टोलॉजी), कम्प्यूटरीकरण, गणितीय भाषा, अनुप्रयोग भाषा विज्ञान, डाइलेक्टोलॉजी, इपिग्राफर के क्षेत्र में अवसर तथा संभावनाएँ हैं। पर्याप्त उद्योग के बढ़ते स्वरूप ने भी भाषा विज्ञान के क्षेत्र में ढेर सारे अवसर उपलब्ध कराए हैं।

शिक्षण/प्रशिक्षण- कला विषय के अंतर्गत स्नातक स्तर पर भाषा विज्ञान की पढ़ाई की जाती है। इस क्षेत्र में डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी उपलब्ध है। जापानी सांस्कृतिक एवं सूचना केंद्र, नई दिल्ली, एलाइंस फ्रेंचाइज, नई दिल्ली, मैक्समूलर भवन, नई दिल्ली, स्कूल ऑफ लैंग्वेज जेएनयू नई दिल्ली सहित कई विश्वविद्यालयों में जापानी, फ्रेंच, जर्मन, ऑरेबिक, चीनी, कोरियाई, रूसी तथा पार्शियन भाषा के डिग्री/डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं।

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