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कॉरपोरेट नियमों को कसने का आह्वान

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नई दिल्ली (वार्ता) , गुरुवार, 8 जनवरी 2009 (17:45 IST)
सूचना प्रौद्योगिकी की चौथी बड़ी कंपनी सत्यम कम्प्यूटर सर्विसेस लिमिटेड में करोड़ों रुपए की धाँधली उजागर होने के बाद देशभर में कॉरपोरेट नियमों को सख्त करने और उन्हें कड़ाई से लागू करने की माँग की गई है।

सरकार ने इस घटना में कंपनी के ऑडिटर्स तथा निदेशकों की भूमिका की जाँच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। कंपनी मामले के मंत्री प्रेमचंद गुप्ता ने कहा है कि सत्यम से जो कुछ भी हुआ, वह चिंता का विषय है। ऐसी स्थिति को रोकने के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठाएगी।

उन्होंने कहा है कि निदेशकों की भूमिका की जाँच करने और दोषियों के विरुद्ध कडी़ कार्रवाई की जाएगी। हैदराबाद में कंपनी रजिस्ट्रार से इस मामले की रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।

भारतीय कंपनी जगत में कॉरपोरेट गवर्नेंस की असफलता के बड़े और शायद पहले घटनाक्रम में सत्यम कम्प्यूटर संस्थापक अध्यक्ष बी. रामलिंगा राजू ने कंपनी प्रबंधन और खातों में धाँधली होना स्वीकार करने के बाद कंपनी बोर्ड की 10 जनवरी को होने वाली बैठक से पहले पद से इस्तीफा दे दिया था।

राजू के साथ ही उनके भाई तथा कंपनी के प्रबंध निदेशक बी. रामा राजू ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कंपनी के संस्थापक अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के इस्तीफे के बाद राम मिनापति को दो अरब डॉलर के कारोबार वाली सूचना क्षेत्र की इस कंपनी का अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएससी) ने सत्यम कम्प्यूटर को 12 जनवरी से अपने एसएनपी निफ्टी के 50 कंपनियों वाले सूचकांक से हटा दिया है। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी ने वित्तीय अनियमितता की जाँच सीआईडी से कराने की घोषणा की है।

प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अध्यक्ष सीबी भावे ने मुंबई में राजू की घोटाले की स्वीकारोक्ति को भयानक बताते हुए कहा कि कानून के अनुरूप जरूरी कदम उठाए जाएँगे। सेबी ने सत्यम कम्प्यूटर के शेयरों की खरीद-फरोख्त और अन्य सौदों से जुड़े मामलों की जाँच के आदेश दिए हैं। सेबी के महाप्रबंधक ए. सुनील कुमार मुख्य जाँच अधिकारी होंगे और उन्हें जल्द से जल्द बोर्ड के समक्ष रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।

सेबी ने इस मामले की जाँच का आश्वासन देते हुए कहा कि वह भविष्य में कंपनियों के सहयोग से कॉरपोरेट प्रबंधन के नियमों को और कड़ाई से लागू करने की व्यवस्था करेगी ताकि सत्यम जैसी घटना दोबारा न हो सके।

जानकारों का कहना है कि हर्षद मेहता और केतन पारेख कांड के बाद कॉरपोरेट क्षेत्र में इसे सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। सत्यम की धाँधली से घबराए निवेशकों ने ताबड़तोड़ बिकवाली शुरू कर दी है। विश्लेषकों ने कहा है कि सत्यम के कारण शेयर बाजारों में विदेशी पूँजी के प्रवाह पर असर पड़ सकता है।

न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज ने सत्यम के शेयरों के कारोबार पर रोक लगा दी है और कहा है कि इस मामले की विस्तृत जाँच की जाएगी। अमेरिका में कुछ निवेशकों ने सत्यम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी है।

इस बीच कंपनी के सूत्रों ने बताया कि राजू और चार स्वतंत्र निदेशकों के इस्तीफे के बावजूद शनिवार को निर्धारित बोर्ड की बैठक होगी।

राजू द्वारा कंपनी प्रबंधन और खातों में भारी अनियमितता बरतना स्वीकार करने के बाद अपने पद से इस्तीफा देने से समूचा उद्योग जगत सकते में है और निवेशकों की विश्वास बहाली के लिए जल्द से जल्द इस मामले की जाँच कराए जाने तथा बाजार नियामकों द्वारा कंपनी प्रबंधन के सख्त नियम लागू किए जाने की अपील की है।

भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) ने इस घोटाले की जाँच के लिए विशेष समिति के गठन की माँग करते हुए दोषियों को कानून की गिरफ्त में लाने की माँग की। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने भी इस मामले की विस्तृत जाँच कराने की इच्छा जताई।

इस बीच सत्यम के अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किए गए एम मैनापति ने कहा है कि वे अपने कमर्चारियों, निवेशकों और शेयरधारकों का विश्वास जल्द से जल्द बहाल करने के लिए सरकार के साथ इस मामले की जाँच में पूरा सहयोग करेंगे।

कंपनी के संस्थापक अध्यक्ष के खुलासे के बाद मुंबई शेयर बाजार में एक तरह से भूचाल आ गया और कंपनी के शेयर 77.69 प्रतिशत गिरकर 39.95 रुपए बंद हुए। राजू के इस्तीफे की खबर आते ही कंपनी के शेयर 70 प्रतिशत से अधिक लुढ़क गए थे।

कंपनी प्रबंधन बोर्ड को भेजे त्यागपत्र में राजू ने कहा कि यह एक ऐसे शेर पर सवारी थी जिसके द्वारा खाए जाने से बचते हुए उसकी पीठ से उतरने का उपाय मेरे पास नहीं था। ऐसे में अपनी गलतियों के लिए देश के कानून के तहत दी जाने वाली किसी भी सजा को स्वीकार करने के लिए मैं तैयार हूँ।

राजू ने सत्यम के साथ गुजारे पिछले 20 वर्षों के लंबे जुड़ाव पर कहा कि चंद लोगों द्वारा शुरू की गई इस कंपनी ने इस दौरान 185 शाखाओं तथा अपने 53 हजार कर्मचारियों के संख्या बल के साथ 66 देशों में अपनी 500 ग्राहक कंपनियाँ तैयार कर सफलता के कई कीर्तिमान गढ़े।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने सूचना प्रौद्योगिकी के हर क्षेत्र और हर स्तर पर अपनी नेतृत्व क्षमता की अमिट छाप छोड़ी। मैं ऐसे में कंपनी के उन सभी कर्मचारियों, निवेशकों और शेयरधारकों से क्षमा माँगता हूँ जिन्होंने कंपनी को कभी बुलंदियों तक पहुँचाने में बड़ा योगदान दिया था। मैं स्वीकार करता हूँ कि उनके विश्वास को बनाए रखने में मैं पूरी तरह असफल साबित हुआ।

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