खेतीबाड़ी के लिए 1.25 लाख करोड़ अधिक कर्ज
नई दिल्ली , गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013 (13:33 IST)
नई दिल्ली। वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2013-14 का बजट पेश करते हुए कृषि ऋण के लक्ष्य में 1.25 लाख करोड़ रुपए की भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया। सरकार ने अगले वित्त वर्ष में 7 लाख करोड़ रुपए का कृषि ऋण देने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही खाद्य सुरक्षा विधेयक के क्रियान्वयन के लिए 10,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी के आवंटन का भी प्रस्ताव किया गया है।वित्त वर्ष 2013-14 के लिए कृषि मंत्रालय का आवंटन 22 फीसद बढ़ाकर 27,049 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव है। इसमें 3,415 करोड़ रुपए की राशि कृषि अनुसंधान के लिए होगी। चिदंबरम ने फसल ऋण पर ब्याज छूट का दायर निजी और वाणिज्यिक बैंकों तक बढ़ाने की भी घोषणा की।लोकसभा में 2013-14 का बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि कृषि उत्पादन में सबसे महत्वपूर्ण योगदान कृषि ऋण का होता है। 2012-13 में हम 5,75,000 करोड़ रुपए के कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य पार कर जाएंगे। 2013-14 के लिए मैं इन लक्ष्य को बढ़ाकर 7,00,000 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव करता हूं।उन्होंने कहा कि लघु अवधि के फसली ऋण के लिए ब्याज छूट योजना जारी रहेगी। समय पर ऋण का भुगतान करने वाले किसानों को सालाना 4 फीसद के ब्याज पर ऋण मिलेगा।वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि अभी तक यह योजना सरकारी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों में लागू थी। अब इसके दायरे में निजी क्षेत्र के बैंक और वाणिज्यिक बैंक भी आएंगे, जो संबंधित शाखा के सेवा क्षेत्र में दिए गए ऋण पर लागू होगा।पूर्वी भारत में हरित क्रांति लाने की योजना की सफलता को देखते हुए चिदंबरम ने अगले वित्त वर्ष के लिए इस योजना के तहत 1,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया है।पंजाब और हरियाणा जैसे हरित क्रांति के दायरे में आने वाले राज्यों को फसल विविधीकरण के लिए 500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन किया गया है।प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा कानून पर वित्तमंत्री ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि संसद इस विधेयक को जल्द से जल्द पारित करेगी। खाद्य सब्सिडी के लिए सामान्य प्रावधान के अलावा मैं इस कानून के क्रियान्वयन पर अतिरिक्त खर्च के लिए 10,000 करोड़ रुपए का प्रावधान करता हूं। (भाषा)