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गन्ना उत्पादन में 10 फीसदी की बढ़ोतरी संभव

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नई दिल्ली , सोमवार, 31 मई 2010 (11:18 IST)
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देश में गन्ना उत्पादन 10 प्रतिशत बढ़कर 2010-11 के फसल वर्ष में करीब 30 करोड़ टन पहुँचने की संभावना है, जिसका कारण गन्ने का अधिक मूल्य और उपज में होने वाली वृद्धि होगी। एक सहकारी चीनी संगठन ने यह कहा है।

वर्ष 2009-10 के फसल वर्ष में गन्ना उत्पादन 27.4 करोड़ टन रहा। गन्ने की बुवाई पूरे वर्ष की जाती है तथा इसकी कटाई अक्टूबर से सितंबर के दौरान की जाती है।

नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज (एनएफसीएसएफ) के प्रबंध निदेशक विनय कुमार ने कहा 2010-11 के फसल वर्ष में गन्ना उत्पादन 30 करोड़ टन से ज्यादा का होगा, क्योंकि पिछले साल बेहतर गन्ना मूल्य मिलने से उत्साहित होकर किसान अधिक से अधिक क्षेत्र में गन्ने की फसल लगा रहे हैं।

गन्ने की नई किस्मों के कारण दो शीर्ष उत्पादक राज्य उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र में इसकी उपज 55 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 65 टन प्रति हेक्टेयर पहुँच गई है।

कुमार ने कहा अगर मानसून सामान्य रहता है तो देश का चीनी उत्पादन बढ़कर 2.4 से 2.5 करोड़ टन हो सकता है। वर्ष 2009-10 फसल वर्ष में किसानों को गन्ने के लिए रिकॉर्ड 250 रुपए प्रति क्विंटल की दर मिली थी, जबकि उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 129.84 रुपए प्रति क्विंटल है।

वर्ष 2010-11 में सरकार ने गन्ने का एफआरपी 139.12 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार किसानों ने 28 मई तक 42.8 लाख हेक्टेयर में गन्ने की बुवाई की है, जो वर्ष भर पहले की इसी अवधि में 40.7 लाख हेक्टेयर ही था।

लंबी अवधि में तैयार होने वाली फसल गन्ने की दक्षिण भारत में जनवरी-फरवरी और जुलाई-अगस्त के दौरान रोपाई की जाती है, जबकि उत्तरी भारत में इसे फरवरी-मार्च और अक्टूबर-सितंबर के दौरान रोपा जाता है। फसल की कटाई अक्टूबर-सितंबर के दौरान की जाती है। (भाषा)

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