देश में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की शुरुआत अगले साल 1 अप्रैल से हो सकती है। इसके लिए राज्यों को कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए काफी मेहनत करना होगी।
राज्यों के वित्तमंत्रियों की प्राधिकृत समिति के अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री असीम दासगुप्ता ने उम्मीद जताई है कि 1 अप्रैल 2011 से देश में जीएसटी की शुरुआत हो सकती है।
उन्होंने कहा हाँ, जीएसटी के लिए अप्रैल 2011 का लक्ष्य रखा गया है और मुझे पूरी उम्मीद है कि इसे हम केन्द्र के सहयोग से पूरा कर लेंगे।
जीएसटी की नई कर प्रणाली के तहत केन्द्र और राज्यों की तरफ से लगने वाले विभिन्न करों उत्पाद शुल्क, सेवाकर, मूल्य वर्धित कर, विशेष अतिरिक्त शुल्क और प्रतिपूर्ति शुल्क जैसे कई तरह के करों को इसमें मिला दिया जाएगा।
जीएसटी की यह नई व्यवस्था इसी अप्रैल से शुरू होना थी, लेकिन राज्यों के तैयारियों में पिछडने के कारण यह संभव नहीं हो पाया।
वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने 2010-11 के बजट भाषण में कहा है कि जीएसटी और प्रत्यक्ष कर संहिता दोंनों ही अब एक साथ 1 अप्रैल 2011 से अमल में आएँगे। जीएसटी कर व्यवस्था के बारे में 13वें वित्त आयोग की सिफारिश के बारे में पूछे जाने पर दासगुप्ता ने कहा हमने इसके प्रत्येक बिंदु को लेकर अपनी प्रतिक्रिया रखी है, इसे अगली बैठक में सार्वजनिक किया जाएगा।
वित्त आयोग ने जीएसटी लागू होने की स्थिति में किसी राज्य को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए केन्द्र को 50 हजार रुपए की राशि का अलग प्रावधान करने को कहा है। इसमें वृद्धि भी हो सकती है। (भाषा)