वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि अगले महीने पेश होने वाले केन्द्रीय बजट में अधिक विकास दर बरकरार रखने तथा रुपए की मजबूती के कारण दबाव में चल रहे क्षेत्रों को राहत देने पर मुख्य रूप से ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
चिदंबरम के शब्द कोष में चुनावी बजट जैसी कोई बात नहीं है। हालाँकि वे मानते हैं कि उनका अगला बजट संप्रग सरकार का अंतिम पूर्ण बजट होगा। यदि चुनाव मई 2009 से पहले हुए तो अगले साल लेखानुदान माँगें पेश होंगी।
लगातार पाँचवाँ बजट तैयार कर रहे चिदंबरम का कहना है कि दबाव में चल रहे कुछ क्षेत्रों को छोड़कर उन्हें और कोई चिन्ता नहीं है, जो क्षेत्र दबाव में चल रहे हैं उन्हें समाधान दिया जाएगा।
चिदंबरम ने बताया कि उत्पादों और सेवाओं की आपूर्ति सही नहीं रही है और अब अगले लोकसभा चुनावों से पहले 16 महीने का समय है, जो आपूर्ति सुधारने के लिए पर्याप्त है।
वित्तमंत्री को विश्वास है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था की विकास दर नौ प्रतिशत रहेगी। बजट में अधिक विकास दर कायम रखने पर जोर रहेगा। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विकास की प्रक्रिया में समाज के अधिक से अधिक वर्गों को शामिल किया जा सके।
चिदंबरम ने जोर देकर कहा कि समग्र विकास की दिशा में हमें काम करना चाहिए। इसके लिए कड़ी मेहनत की जरूरत है। बेहतर प्रशासन की जरूरत है और आपूर्ति एवं सेवाओं की आपूर्ति की भी जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है, जिसे लेकर मुझे चिन्ता हो रही हो लेकिन कुछ क्षेत्र हैं जो दबाव में हैं। उदाहरण के तौर पर रुपए की मजबूती से कुछ क्षेत्रों पर काफी दबाव बना है। हम इन दबावों को जहाँ तक संभव है दूर करेंगे और उन्हें कुछ राहत प्रदान करेंगे।