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बैंक ऑफ बड़ौदा जुटाएगा 2000 करोड़

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, रविवार, 18 नवंबर 2007 (17:28 IST)
बैंक ऑफ बड़ौदा अपनी पूँजी जरूरतों के लिए अगले तीन महीने के दौरान बाजार से करीब 2000 करोड़ रु. की पूँजी जुटाएगा और इसके लिए अन्य विकल्पों के साथ वह राइट इश्यू की संभावनाएँ भी तलाशेगा। बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. अनिल के. खंडेलवाल ने यहाँ आंध्र बैंक के साथ मिलकर ब्रिटेन के लीगल एंड जनरल समूह के साथ जीवन बीमा कारोबार के लिए संयुक्त उद्यम शुरू करने के एमओयू हस्ताक्षर करने के मौके पर यह जानकारी दी।

उन्होंने यह भी कहा कि बैंक यूटीआई म्युचुअल फंड की संपत्ति प्रबंधक यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी में अपनी 25 प्रतिशत भागीदारी में से आधी हिस्सेदारी बेचने पर भी विचार कर रहा है। खंडेलवाल ने कहा कि सरकार यदि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई.) को राइट् इश्यू के लिए अनुमति देती है तो बैंक ऑफ बड़ौदा के लिए भी यह अच्छा मौका होगा। बैंक ऑफ बड़ौदा में सरकार की 53.5 प्रतिशत भागीदारी है जबकि स्टेट बैंक की 59.73 प्रतिशत इक्विटी इसी साल जून में सरकार ने रिजर्व बैंक से खरीदी है।

वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने इस सप्ताह के शुरू में मुंबई में स्टेट बैंक के राइट् इश्यू प्रस्ताव को जायज ठहराते हुए कहा था- स्टेट बैंक का राइट् इश्यू के लिए मजबूत मामला बनता है। इससे यह उम्मीद लगाई जा रही है कि वित्त मंत्री जल्द ही बैंक के राइट इश्यू को हरी झंडी दे देंगे। स्टेट बैंक को भी अपनी पूँजी जरूरतों के लिए अगले एक दो महीनों में 10000 करोड़ रु. की जरूरत बताई गई है।

खंडेलवाल ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा को अपने विदेश व्यापार के विस्तार, बेहतर संपत्ति प्रबंधन, नई शाखाएँ खोलने के लिए पूँजी की सख्त जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि बैंक को मार्च 2008 तक अंतरराष्ट्रीय बैसल दो मानकों की दृष्टि से भी अपने को मजबूत बनाना है। बैंक का पूँजी पर्याप्तता अनुपात (सीए) फिलहाल 12.59 प्रतिशत पर है, लेकिन इसे और बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि बैंक के समक्ष टीयर एक रास्ते से पूँजी जुटाने के बेहतर विकल्प सामने हैं।

इनमें राइट इश्यू, फॉलोऑन इश्यू तथा लंबी अवधि के बांड इश्यू शामिल हैं, लेकिन उन्होंने साफ किया कि ये संभावनाएँ हैं, इन पर बैंक के निदेशक मंडल की बैठक में विचार करने के बाद ही आगे कुछ कहा जा सकेगा। बैंक ऑफ बड़ौदा ने जीवन बीमा कारोबार शुरू करने के लिए ब्रिटेन की लीगल एंड जनरल के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।

दो सौ करोड़ रु. की चुकता पूँजी से शुरू होने वाले इस संयुक्त उद्यम में बैंक ऑफ बड़ौदा की 44 प्रतिशत, आंध्र बैक की 30 प्रतिशत और लीगल एण्ड जनरल की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। खंडेलवाल ने कहा कि संयुक्त उद्यम शुरू होने में पाँच-छः महीने का समय लगेगा। बैंक की करीब 3000 और आंध्र बैंक की 1300 शाखाओं से नए संयुक्त उद्यम के बीमा उत्पादों की मार्केटिंग की जाएगी।

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