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रामालिंगा राजू के इस्तीफे के मुख्य अंश

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, गुरुवार, 8 जनवरी 2009 (10:14 IST)
सत्यम के चेयरमैन रामालिंगा राजू ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के प्रमुख अंश इस प्रकार हैं-
सत्यम का इस्तीफा पत्र
प्रति,
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स
सत्यम कम्प्यूटर सर्विसेस लिमिटेड
द्वारा
बी. रामालिंगा राजू
चेयरमैन, सत्यम कंम्प्यूटर सर्विसेस लिमिटेड
डियर बोर्ड सदस्य,

मैं बहुत ही निराशा और दबाव के साथ निम्न तथ्यों को आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ-
1. सितंबर 30, 2008 तक की बैलेंस शीट
अ. कंपनी के 5040 करोड़ रुपए का बैंक नकद व शेष मात्र आँकड़ों में ही है।
ब. 376 रु. का अर्जित ब्याज, जो मौजूद नहीं है।
स. मेरे द्वारा उपलब्ध कराए गए फंड्स में से 1230 करोड़ रुपए का ब्योरा नहीं दिया गया।
द. कंपनी की वास्तविक उधारी 490 करोड़ रु. की है, लेकिन हिसाब में इसे महज 2651 करोड़ बताया गया है।

2. सितंबर के क्वार्टर में हमने 2700 करोड़ का राजस्व और 649 करोड़ रु. का ऑपरेटिंग मार्जिन बताया है, जबकि वास्तव में 2112 करोड़ का वास्तविक राजस्व और ऑपरेटिंग मार्जिन 61 करोड़ (कुल राजस्व का 3 प्रतिशत) था। इसके परिणामस्वरूप केवल दूसरे क्वार्टर में कृत्रिम नकदी और बैंक बैलेंस बढ़कर 588 करोड़ रु. तक पहुँच गया।

बैलेंस शीट में यह अंतर पिछले कई सालों के लाभ के आधार पर था (केवल सत्यम सटेलेडन अधीनस्थों की बुक्स सही तथ्य प्रदर्शित कर रही थी)। जो वास्तविक लाभ और पिछले कई सालों से निरंतर लाभ बता रहे लेखे की इंट्री का अंतर था। जिस तरह से कंपनी के कार्य बढ़ रहे थे, यह बहुत बढ़ा अंतर पैदा कर रहा था। बुक में दर्शाई जा रही संपत्ति और वास्तविक संपत्ति में अंतर इस तथ्य से इतना बढ़ गया कि कंपनी को अतिरिक्त संसाधनों और संपत्तियों को लेना पड़ा, क्योंकि वे उच्च स्तर के ऑपरेशन कर रहे थे। इस तरह से खर्चे लगातार बढ़ने लगे।

अंतर को भरने के लिए किया गया हर प्रयास विफल हो गया। चूँकि प्रवर्तकों के पास इक्विटी शेयरों की संख्या कम थी और खराब प्रदर्शन के बाद कंपनी का अधिग्रहण हो सकता था, अत: यह अंतर बढ़ता चला गया।

मैटास सौदा इस अंतर को भरने का आखिरी प्रयास था, जो विफल रहा। मैटास के निवेशकों को भरोसा दिलाया गया था कि यह एक सुनहरा मौका है और रणनीतिक रूप से ठीक भी है। एक बार सत्यम की समस्या हल हो जाती तो मैटास का भुगतान भी देर-सबेर कर दिया जाता।

मैं बोर्ड को यह बताना चाहता हूँ कि:
1. कम अनुपात में घोषित शेयरों और संस्थागत उद्देश्यों के लिए बेचे गए शेयरों के अलावा न मैने और न ही किसी अन्य प्रबंध निदेशक ने पिछले आठ सालों में अपने शेयर बेचे हैं।

2. न तो मैंने और न ही किसी अन्य प्रबंध निदेशक ने कंपनी से एक भी रुपया लिया है। वित्तीय रुप से हमने इसका कोई गलत लाभ नहीं लिया है।
3. किसी भी वर्तमान या पूर्व बोर्ड सदस्य को कंपनी की इस स्थिति की जानकारी नहीं थी। यहाँ तक की कंपनी के सीनियर एक्जीक्यूटिव और बिजनेस लीडर्स को भी कंपनी की वास्तविक स्थिति की जानकारी नहीं थी।

मैंने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सामने सभी तथ्य रख दिए हैं। यह अब उनके विवेक पर निर्भर करता है कि वे इस मामले को लेकर क्या करते हैं। यद्दपि मैं निम्न कदमों की अनुशंसा करता हूँ:

1. वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए टास्क फोर्स का निर्माण किया जाए। इसमें सत्यम के कुछ अच्छे लीडर्स शामिल हो। मैं राम मयनामपति को इस टास्क फोर्स का चेयरमैन बनाने की अनुशंसा करता हूँ। राम अंतरिम सीईओ की रूप में भी कार्य कर सकते हैं।
2. अच्‍छे अवसरों का लाभ उठाने के लिए मैरिल लिंच पर विश्वास किया जा सकता है।
3. मैंने आपके समक्ष जो तथ्य रखे हैं, उनके प्रकाश में आप ऑडिटर से अकांउन्ट्स का रिस्टेटमेंट भी तैयार करा सकते हैं।

मैंने सत्यम को पिछले 20 सालों से प्रमोट किया है। मैंने इसे कुछ लोगों से 53 हजार लोगों के विशाल समूह में तब्दील होते देखा है। इसने हर स्तर पर अच्छा बेस और बेहतर नेतृत्व स्थापित किया है। मैं उन सभी से माफी माँगता हूँ, जिन्होंने सत्यम को एक विशेष संगठन बनाया है। मुझे विश्वास है कि वे सत्यम को इस मुश्किल घड़ी से निकाल ले जाएँगे।

उपरोक्त तथ्यों के प्रकाश में मैं बोर्ड से कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की अपील करता हूँ। बोर्ड के सदस्य टीआर प्रसाद की नियुक्ति सरकार से समर्थन प्राप्ति के लिए भी की है ताकि इस स्थिति से जल्द से जल्द निपटा जा सके।

इस स्थिति में मैं सत्यम के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे रहा हूँ और वैकल्पिक व्यवस्था होने तक मैं इस पद पर बना रहूँगा। अब मैं स्वयं को कानून के हाथों सौंपने के लिए तैयार हूँ।
(ब‍ी. रामालिंगा राजू)

प्रतिलिपि
1. चेयरमैन सेबी
2. स्टॉक एक्सचेंज

राजू रामलिंगा का इस्तीफा

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