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60 प्रतिशत ही मिलेगा होम लोन

प्रॉपर्टी के गिरते दामों के कारण बैंकों ने उठाए कदम

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नई दिल्ली , रविवार, 2 नवंबर 2008 (21:11 IST)
घर के सपने को जमीन पर उतारना अब और कठिन हो जाएगा। रियल एस्टेट बाजारों की पतली हालत देखते हुए भारतीय स्टेट बैंक और दो अन्य बैंकों ने होम लोन के नियमों को और सख्त कर दिया है। इसके चलते अब होम लोन लेने वालों को अब मकान की कीमत की 40 फीसद तक की राशि अग्रिम जमा कराना होगी।

अर्थात अब केवल मकान की कीमत की राशि का 60 प्रतिशत ही कर्ज में मिलेगा। दरअसल बैंक यह सुनिश्चित करना चाहता है कि अगर कीमतें गिरे तो उपभोक्ताओं को कर्ज न चुका पाने की सूरत में मकान का शेष मूल्य इतना तो ही कि उसके कर्ज की भरपाई हो जाए।

मार्जिन मनी में बढ़ोतरी : हाल ही में कई बैंकों ने उधार ली गई रकम के आधार पर मार्जिन का स्तर 5 से 25 फीसद तक बढ़ाया है। देश के सबसे कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक ने 30 लाख रु. तक के कर्ज के लिए मार्जिन रकम का स्तर 25 फीसद कर दिया है, जबकि पहले यह 20 फीसद था।

एक करोड़ रु. तक के ऋण के लिए मार्जिन मनी बढ़ाकर 30 फीसदी (पहले 20 फीसदी) कर दी गई है। इससे अधिक के कर्ज पर 40 फीसदी मार्जिन मनी की जरूरत होगी, जो पहले 25 फीसद थी। मार्जिन मनी मकान के मूल्य का वह हिस्सा है, जिस पर खरीददार को पहले ही चुकाना होता है। मूल्य का शेष हिस्सा बैंक मुहैया कराता है।

कर्ज को सुरक्षित करने के लिए उठाए कदम : एसबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि रियल एस्टेट बाजार में कीमतों में किसी भी तरह के उतार-चढ़ाव से अपने कर्ज को सुरक्षित करने के लिए हमने मार्जिन संबंधी जरूरत बढ़ा दी है। ऊँची मार्जिन मनी से यह भी सुनिश्चित होगा कि उचित लोगों को ही कर्ज मिला। इससे जोखिम कम रखने में मदद मिलेगी। एसबीआई की नई दरें 10 अक्टूबर से लागू हो चुकी हैं।

निजी बैंकों ने नहीं बढ़ाई : सार्वजनिक क्षेत्र की दो अन्य बैंकें भी मार्जिन मनी का स्तर 5 से 10 बेसिक पाइंट बढ़ा चुकी है। हालाँकि निजी क्षेत्र का एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक ने इस दिशा में फिलहाल कदम नहीं उठाया है। अलबत्ता उन्होंने होम से जुड़े नियम जरूर और सख्त कर दिए हैं। मार्जिन रकम अधिक होने से आवासीय संपत्ति की माँग और कम होने की आशंका है। ऊँची ब्याज दरों के कारण मकान खरीदना पहले ही महँगा सौदा हो चुका है।

प्रॉपर्टी की माँग घटेगी : मार्जिन मनी अधिक होने से आवासीय संपत्ति की माँग और कम होने की आशंका है। रियल एस्टेट कंसलटेंसी फर्म जोंस लैंग लसाल मेघराज के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज राजन के अनुसार शॉर्ट रन में प्रॉपर्टी की माँग में कमी आएगी। बैंक 60 फीसदी होम लोन फाइनेंस करेंगी, जिससे डेवलपर्स या बिल्डर को प्रॉपर्टी की कीमतों में कमी करना पड़ सकती है। (नईदुनिया)

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