नई दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा सुरक्षा के मद्देनजर 14 विमानों के उड़ान भरने पर प्रतिबंध से रोजाना तकरीबन 54 उड़ानें रद्द हो रही हैं और 53 हजार से ज्यादा यात्री प्रभावित हो रहे हैं।
वहीं नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर कहा कि विमानन क्षेत्र की सिर्फ एक से दो प्रतिशत क्षमता प्रभावित हुई है, जो यह देखते हुए काफी कम है कि यह क्षेत्र 20 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ रहा है।
उन्होंने आज कई आंकड़े साझा करते हुए ट्वीट कर कहा, हाल में चुनिंदा निओ इंजन वाले विमानों की ग्राउंडिंग को लेकर मीडिया में कुछ चिंताएं सामने आई हैं, जिनसे उड़ानें रद्द हुई हैं। सुरक्षा की दृष्टि से उठाए गए इस कदम से देश के विमानन क्षेत्र की सिर्फ एक से दो प्रतिशत क्षमता प्रभावित हुई है।
एयरबस के ए320 निओ विमानों में लगे सीरियल नंबर 450 या इससे ऊपर के प्रैट एंड ह्विटनी कंपनी के पीडब्ल्यू 1100 इंजनों में हवा में उड़ान के दौरान बंद होने की शिकायत आ रही थी। देश में ऐसे 17 इंजन हैं जो 14 विमानों में लगे हुए हैं।
सिन्हा ने बताया कि इन इंजनों पर प्रतिबंध के कारण 15 मार्च से 21 मार्च के बीच 378 उड़ानें रद्द की गई हैं, जो कुल उड़ानों का दो प्रतिशत है। इस प्रकार रोजाना 54 उड़ानें रद्द हो रही हैं। डीजीसीए के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में घरेलू मार्गों पर एक करोड़ 14 लाख 65 हजार यात्रियों ने सफर किया।
इस प्रकार रोजाना तीन लाख 82 हजार यात्री सफर कर रहे हैं जिसका दो प्रतिशत 53 लाख 50 हजार है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, सुरक्षा के इस कदम से क्षमता पर पड़ा प्रभाव कुछ सप्ताह में समाप्त होने की उम्मीद है। (वार्ता)