नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा अतिरिक्त बैगेज पर पहले पांच किलोग्राम के लिए अधिकतम शुल्क की सीमा हटाने के फैसले के बाद विमान सेवा कंपनियों ने इस पर शुल्क बढ़ाने शुरू कर दिए हैं।
नियमों के मुताबिक, किसी भी एयरलाइन को 15 किलोग्राम तक चेक इन बैगेज की सुविधा नि:शुल्क देनी होती है। बैगेज का वजन इससे ज्यादा होने पर अतिरिक्त वजन पर शुल्क तय करने का अधिकार विमान सेवा कंपनियों का था।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने यात्रियों के हित को ध्यान में रखते हुए पिछले साल जून में नियमों में संशोधन कर पहले पांच किलोग्राम के अतिरिक्त बैगेज पर शुल्क की अधिकतम दर 100 रुपए प्रति किलोग्राम तय कर दी थी, जबकि 20 किलोग्राम से अतिरिक्त वजन पर शुल्क तय करने का अधिकार एयरलाइंस पर छोड़ दिया गया था।
डीजीसीए के इस फैसले को फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस ने दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। अदालत ने 16 अगस्त को डीजीसीए द्वारा तय सीमा को हटाने का फैसला दिया।
अदालत के फैसले के बाद कम से कम स्पाइसजेट और इंडिगो ने अतिरिक्त बैगेज पर शुल्क बढ़ा दिया है।स्पाइसजेट की वेबसाइट के अनुसार, उसने 18 अगस्त से घरेलू यात्रा के लिए शुल्क 300 रुपए प्रति किलोग्राम कर दिया है।
इंडिगो ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि वह घरेलू उड़ानों में अतिरिक्त बैगेज के लिए 300 रुपए प्रति किलोग्राम और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए 525 रुपए प्रति किलोग्राम शुल्क लगा रही है। विस्तारा की वेबसाइट पर अभी भी पहले पांच किलोग्राम अतिरिक्त बैगेज के लिए शुल्क 100 रुपए प्रति किलोग्राम है।
जेट एयरवेज के एक अधिकारी ने बताया कि अभी एयरलाइन ने इस संबंध में कोई फैसला नहीं किया है। सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया पहले से ही घरेलू यात्रा के लिए 22 किलोग्राम तक बैगेज नि:शुल्क ले जाने की इजाजत देती है। (वार्ता)