वॉशिंगटन। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि सरकार को पता था कि नोटबंदी से भारत में नकदी की किल्लत हो जाएगी, लेकिन इससे अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण की दिशा में बड़े और ठोस कदम जैसे दीर्घकालिक लाभ मिलेंगे।
एक इंटरव्यू में जेटली ने कहा, 'हमें इस तथ्य के बारे में पता था कि नोटबंदी के कारण नकदी की किल्लत का एक या दो तिमाही तक हम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। लेकिन इसमें कुछ दीर्घकालिक लाभ भी देखे गए।'
जेटली से जब पूछा गया कि क्या नोटबंदी सफल रही, तो इस पर उन्होंने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण की दिशा में बड़े और ठोस कदम देखने को मिले हैं। उन्होंने कहा, 'इस दौरान नकदी का इस्तेमाल कुछ कम हुआ है जबकि दूसरी तरफ भुगतान के अन्य तरीकों का इस्तेमाल बढ़ा है। दूसरे नोटबंदी के बाद कर निर्धारण के मामलों में वृद्धि हुई है।' उन्होंने कहा कि उन्हें कर आधार व्यापक होने की उम्मीद है।
जेटली ने कहा कि मेरा मानना है कि भारत में अब यह नई सामान्य स्थिति बन रही है और यह संदेश स्पष्ट है कि नकदी में लेन-देन करना अब सुरक्षित नहीं रह गया है। एक सवाल के जवाब में जेटली ने कहा कि उनका मानना है कि पिछले कुछ सप्ताह के दौरान बड़ी संख्या में सुधारों को आगे बढ़ाया गया है। (भाषा)