4 साल बाद देश के बैंकिंग सेक्टर में एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। एक-दो नहीं बल्कि दो दर्जन से ज्यादा बैंकों के साथ धोखाधड़ी की गई है।
आंकड़ा इतना बड़ा है कि बैंकिंग घोटाले के सारे रिकॉर्ड टूट गए है। आम जनता की गाढ़ी कमाई लूटने वाली कंपनी के खिलाफ सीबीआई (CBI) ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जल्द ही जांच में दूसरी एजेंसियां भी शामिल हो सकती हैं। बैंक घोटाले का असर शेयर बाजार भी पड़ा है। शेयर बाजार में निवेशकों के करोड़ों रुपए स्वाहा हो गए।
22842 की धोखाधड़ी : यह धोखाधड़ी 22 हजार 842 करोड़ रुपए की है। इसे देश का सबसे बड़ा बैंकिंग फ्रॉड भी कहा जा रहा है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया इसकी शिकायत CBI से की थी। इसके आधार पर 7 फरवरी 2022 को सीबीआई ने एफआई दर्ज की है।
एबीजी शिपयार्ड पर धोखाधड़ी का आरोप : इस धोखाधड़ी का आरोप ABG Shipyard Limited पर लगा है। दो कंपनियों जिनका नाम ABG शिपयार्ड और ABG इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड पर फ्रॉड का आरोप है। CBI ने कंपनियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के मामले दर्ज किए हैं।
सीबीआई ने इस मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष ऋषि कमलेश अग्रवाल, मैनेजिंग डायरेक्टर संथान मुथास्वामी और तीन डायरेक्टर अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमन नेवेतिया को आरोपी बनाया है।
क्या है घोटाले की पूरी कहानी : देश का सबसे बड़ा बैंक घोटाला कहा जा रहा है। इसमें 28 बैंकों से 22 हजार 842 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। जनवरी 2019 में फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट पर चर्चा हुई। इसमें एबीजी शिपयार्ड को लोन देने वाले बैंक शामिल हुए।
इसी बैठक में इसे बैंक घोटाला माना गया। इसमें सामने आया कि एबीजी शिपयार्ड ने अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 के बीच अलग-अलग 28 बैंकों से कारोबार के नाम पर 22,842 करोड़ रुपए का लोन लिया। कंपनी ने लोन से मिली रकम का गलत इस्तेमाल किया। एबीजी शिपयार्ड ने कारोबार के नाम पर लिए लोन से संपत्ति बनाई और दूसरे कामों में लगाया।
इन बैंकों से लिया लोन : 22,842 में 7 हजार 89 करोड़ रुपए आईसीआईसीआई बैंक, 3 हजार 634 करोड़ आईडीबीआई, 2 हजार 925 करोड़ एसबीआई, 1 हजार 614 करोड़ बैंक ऑफ बड़ौदा, 1 हजार 244 करोड़ पंजाब नेशनल बैंक और 1 हजार 228 करोड़ इंडियन ओवरसीज के बकाया हैं। इन बैंकों के ही 17 हजार 734 करोड़ रुपए बकाया है। इनके अतिरिक्त 22 और बैंकों के 5 हजार 108 करोड़ रुपए बकाया है। इसके अलावा एलआईसी से भी फ्रॉड की बातें सामने आ रही हैं।
कब दर्ज हुई शिकायत : 8 नवंबर 2019 को एसबीआई ने सीबीआई में पहली बार शिकायत दर्ज कराई। 12 मार्च 2020 को सीबीआई ने कुछ मुद्दों पर सफाई मांगी। 25 अगस्त 2020 को एसबीआई ने सीबीआई में फिर शिकायत की। एसबीआई से शिकायत मिलने के करीब 3 वर्ष बाद सीबीआई ने केस दर्ज किया। सीबीआई ने 7 फरवरी 2022 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की।
कितनों की गिरफ्तारी : सीबीआई पूरे मामले की जांच कर रही है। सीबीआई ने इस मामले में एक दर्जन भर से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की। छापेमारी में कई दस्तावेज मिले। खबरों के मुताबिक इस मामले के घेरे में कई बड़े अधिकारी आ सकते। खबरों के मुताबिक बैंक घोटाले में 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। हालांकि जांच में और भी खुलासे सामने आ सकते हैं।