आर्थिक जगत की आभासी मुद्रा बिटकॉइन का कई देशों ने स्वागत किया। भारत में बिटकॉइन को मान्यता नहीं है। दुनिया के कई ऐसे देश हैं जिन्होंने ब्लैक मनी, हवाला, आतंकी गतिविधियों में इसके प्रयोग को ना कहा। इनमें से कुछ देशों ने इस मुद्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि कुछ देशों ने अपने व्यापार और बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली के द्वारा इस मुद्रा पर रोक का प्रयास किया है। दुनिया के कई देश बिटकॉइन की शुरुआत के बाद भी इस 'आभासी मुद्रा' के प्रचलन का विश्लेषण कर रहे हैं। इनमें कुछ देश प्रमुख हैं-
आइसलैंड : 2008 की आर्थिक मंदी के बाद आइसलैंड मौद्रिक नीतियों में कड़े नियंत्रण कर रहा है। आइसलैंड में बिटकॉइन के साथ विदेशी मुद्रा व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया है। यहां एक नई क्रिप्टो मुद्रा ऑरोएकोस ने बिटकॉइन को बाहर कर दिया है। इस मुद्रा को बैंकिंग प्रणाली में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
वियतनाम : इस देश ने बिटकॉइन की शुरुआत से ही इसे भुगतान की वैद्य विधि नहीं माना। इस क्राइप्टोकरेंसी के अपराध जैसी गतिविधि में जुड़ने के कारण वियतनाम ने बिटकॉइन में सौदा करने वालों के लिए अवैध बनाया। मनीलांड्रिग जैसी गतिविधि के कारण बिटोकॉइन को वियतनाम में प्रतिबंधित कर दिया गया।
बोलिविया : एल बेंको सेंट्रल डे बोलिविया ने बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोक्यूचुअलों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया।
किर्गिज़स्तान : किगीगस्तान जैसे देश में भी बिटकॉइन और एल्टोकोइन जैसे भुगतान विधियां अवैध हैं।
रूस : रूस में भी बिटकॉइन विवादित है। बिटकॉइन पर प्रतिबंध लगाने के लिए रूस के वित्त मंत्रालय में कानून बनाने के प्रयास चल रहे हैं।
इक्वाडोर : यहां की असेंबली में बिटकॉइन और क्राइप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए वोटिंग की गई। यह देश भविष्य में अपनी क्राइप्टोकरेंसी बनाने की योजना बना रहा है।\
चीन : चीन के सभी बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों में बिटकॉइन में लेन-देन और व्यवहार करने में मनाही है। हालांकि यहां व्यक्ति बिटकॉइन में सौदा करने के लिए स्वतंत्र हैं।