नई दिल्ली। नोटबंदी की मार से जूझ रहे वेतनभोगी मध्यवर्ग और छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को ढाई से पांच लाख रुपए तक की सालाना व्यक्तिगत आय वालों पर कर की मौजूदा 10 प्रतिशत दर को घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया।
इसके साथ ही 50 करोड़ रुपए तक का वार्षिक कारोबार करने वाली छोटी इकाइयों के लिए र की दर घटाकर 25 प्रतिशत कर दी। वित्तमंत्री ने हालांकि, 50 लाख से लेकर एक करोड़ रुपए की सालाना कमाई करने वालों पर 10 प्रतिशत अधिभार लगाने का प्रस्ताव किया है। एक करोड़ रुपए से अधिक सालाना व्यक्तिगत कमाई करने वालों पर 15 प्रतिशत अधिभार को बरकरार रखा है। बजट में सिगरेट, तंबाकू पान मसाला पर शुल्क भी बढ़ा दिया गया है।
जेटली ने लोकसभा में 2017-18 का आम बजट पेश करते हुये कालेधन पर नियंत्रण के नए उपाय के तहत तीन लाख रुपए से अधिक के लेनदेन पर पाबंदी लगाने और राजनीतिक दलों पर किसी एक व्यक्ति से 2000 से अधिक नकद चंदा प्राप्त करने पर रोक लगाने की घाषणा की। बजट में डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने की भी घोषणा की गई है। बजट में आवस क्षेत्र को बढावा देने के लिए प्रोत्साहन के कई प्रस्ताव किए गए हैं।
वित्त मंत्री ने बजट में कृषि, डेयरी, शिक्षा, कौशल विकास, रेलवे और अन्य बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के लिए आवंटन बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की व्यवस्था में सुधार तथा सार्वजनिक उपक्रमों के शेयरों को बाजार में लाने की नई पहल जैसे कई सुधारवादी कदमों की घोषणा की है। इस बार के आम बजट में रेलवे बजट को भी मिलाया गया है। इस लिहाज से यह ऐतिहासिक बजट है। इसके साथ ही आमतौर पर फरवरी के अंत में बजट पेश किया जाता है, लेकिन इस बार इसे फरवरी माह के शुरू में ही पेश किया गया।