सिंगापुर। वैश्विक साख निर्धारक एजेंसी मूडीज ने मंगलवार को कहा कि लगातार बढ़ती गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के किसी भी बैंक की वित्तीय स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि वह सुदृढ़ीकरण करने वाले की भूमिका निभा सके, क्योंकि विलय के बाद उन पर एनपीए बढ़ने का जोखिम है।
मूडीज की उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ विश्लेषक अल्का अनबारसू ने कहा, वर्ष 2012 से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में बढ़ोतरी देखी जा रही है। परिणामस्वरूप वर्तमान में किसी भी पीएसबी की वित्तीय स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि वह सुदृढ़ीकरण करने वाले की भूमिका निभा सके।
विलय के बाद उनके मौजूदा एनीपीए के और बढ़ने का जोखिम है। सरकार ने देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में उसके पांच अनुषंगी बैंकों के साथ ही भारतीय महिला बैंक के विलय को मंजूरी दे दी है। (वार्ता)