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एसबीआई के एकीकरण के बाद ही होगा बैंकों का विलय

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नई दिल्ली , रविवार, 26 जून 2016 (18:14 IST)
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एकीकरण एसबीआई के साथ 5 सहयोगी बैंकों का विलय पूरा होने के बाद ही होने की उम्मीद है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही।
 
अधिकारी ने कहा कि बैंक तभी विलय एवं अधिग्रहण पर विचार कर सकते हैं, जब उनकी वित्तीय स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हो। इसीलिए तार्किक रूप से अगले दौर का विलय एवं अधिग्रहण सहायक बैंक के एसबीआई में विलय तथा भारतीय महिला बैंक के अधिग्रहण के बाद ही होने की संभावना है। 
 
अधिकारी ने कहा कि बैंक तभी अधिग्रहण कर सकते हैं, जब वे वित्तीय रूप से मजबूत हों, जो इस समय कमजोर है जिसका कारण बहीखातों को साफ-सुथरा बनाने का अभियान है। उसके अनुसार इसीलिए मार्च 2017 के बाद ही यह होगा। उस समय तक बही-खाते को दुरुस्त करने का अभियान पूरा हो जाएगा, परिणामस्वरूप वित्तीय प्रदर्शन बेहतर होना चाहिए।
 
एसबीआई का सहयोगी बैंकों के साथ विलय चालू वित्त वर्ष के अंत में होने की संभावना है। पिछले सप्ताह मंत्रिमंडल ने एसबीआई तथा उसके सहयोगी बैकों के विलय तथा भारतीय महिला बैंक के अधिग्रहण की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।
 
एसबीआई के 5 सहयोगी बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर तथा स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद हैं। इससे पहले एसबीआई ने 2008 में स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र का खुद में विलय किया था। 2 साल बाद स्टेट बैंक ऑफ इंदौर का उसमें विलय हुआ।
 
अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एकीकरण के लिए रूपरेखा पेश करेगी। (भाषा) 

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