नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थितियों से चालू वित्त वर्ष में जीएसटी (GST) राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपए की कमी आने का अनुमान है और इसके मद्देनजर राज्यों को क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान के लिए अलग-अलग विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की आज हुई 41वीं बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में जीएसटी क्षतिपूर्ति मद के मात्र 65 हजार करोड़ रुपए के राजस्व मिलने की उम्मीद है जबकि इस मद में 3 लाख करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान था।
उन्होंने कहा कि क्षतिपूर्ति राजस्व में आई इस भारी कमी की पूर्ति के लिए बैठक पर कई सुझाव दिए गए जिसमें क्षतिपूर्ति भुगतान की अवधि को जून 2022 से आगे बढ़ाना भी शामिल है। इसके साथ ही उधारी लेकर इसकी पूर्ति करने पर भी विचार किया गया। इसमें रिजर्व बैंक के माध्यम से राशि जुटाने पर भी चर्चा की गई और सात दिनों के कार्यदिवस के भीतर इसको अंतिम रूप देकर फिर से परिषद की बैठक में चर्चा करने पर सहमति बनी है।
वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने कहा कि केन्द्रीय राजस्व से क्षतिपूर्ति का भुगतान किए जाने के कानूनी पहलुओं पर भी विचार किया गया है और अटॉर्नी जनरल ने स्पष्ट किया है कि केन्द्रीय राजस्व से इसका भुगतान नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने अप्रैल से जुलाई तक जीएसटी क्षतिपूर्ति राजस्व में करीब 1.50 लाख करोड़ रुपए की कम वसूली हुई है। राज्यों को क्षतिपूर्ति राजस्व का द्विमासिक भुगतान किया जाता है और चालू वित्त वर्ष में दो किस्तों का भुगतान नहीं किया जा सका है।
उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर किसी भी वस्तु पर जीएसटी दर में बढ़ोतरी किए जाने पर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई चाहे वह किसी भी श्रेणी के उत्पाद हों।
उल्लेखनीय है कि राज्यों विशेषकर कांग्रेस या उसके सहयोग से चलने वाली राज्य सरकारों ने करीब 1.45 लाख करोड़ रुपए क्षतिपूर्ति राजस्व का भुगतान नहीं किए जाने का मुद्दा उठाते हुए केन्द्र से कोरोना के कारण उत्पन्न विषम परिस्थिति में यथाशीघ्र क्षतिपूर्ति भुगतान की मांग की थी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान राज्यों को नहीं किए जाने को मुद्दा बनाने के कांग्रेस शासित या उसके समर्थित राज्यों का नाम लिए बगैर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो जीएसटी को लागू नहीं कर सके उन्हें इस पर आत्मचिंतन करने की जरूरत है। (वार्ता)