कच्चा तेल याने क्रूड ऑयल की कीमत बढ़कर 87 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है। इस समय क्रूड 7 साल का उच्चतम स्तर पर है। यह लगातार 5वां सप्ताह है, जब कच्चे तेल में तेज दिखाई दे रही है। उल्लेखनीय है कि कच्चे तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, अक्टूबर 2014 के बाद से कच्चे तेल में यह रिकॉर्ड तेजी है।
इसका बड़ा कारण है कि इस समय कच्चे तेल की मांग ज्यादा है और आपूर्ति कम है। विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले समय में कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा होना तय है। जिससे भारत सरकार के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम पर नियंत्रण रखना मुश्किल हो जाएगा।
एक और कारण है कि हूती विद्रोही तेल प्रोडक्शन में रुकावट डालने के लिए लगातार हमले कर रहे हैं। यमन के हूती विरोधियों ने 17 जनवरी 2022 को अबूधाबी में तेल टैंक ब्लास्ट किया था। इस महीने हूती विद्रोहियों का यह दूसरा हमला था।
एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन (EIA) और ब्लूमबर्ग ने साल 2022 के लिए ओपेक देशों का तेल उत्पादन क्षमता को घटकार 8 लाख और 12 लाख बैरल रोजाना करने की रिपोर्ट के बाद मॉर्गन स्टैनली और जेपी मॉर्गन ने आने वाले दिनों में कच्चे तेल के भाव में 30 डॉलर प्रति बैरल तक के उछाल का अनुमान लगाया है। इसके मुताबिक, इस साल कच्चे तेल का भाव 125 डॉलर और 2023 तक 150 डॉलर तक पहुंच सकता है।
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों के 75 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंचने के बावजूद घरेलू स्तर पर मंगलवार को लगातार 75वें दिन भी पेट्रोल और डीजल की दरों में कोई बदलाव नहीं आया।
केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमशः 5 और 10 रुपए घटाने की घोषणा के बाद 04 नवंबर 2021 को ईंधन की कीमतों में तेजी से कमी आई थी। इसके बाद राज्य सरकार के मूल्य वर्धित कर (VAT) कम करने के फैसले के बाद राजधानी दिल्ली में भी वैट को कम करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद राजधानी में 02 दिसंबर 2021 को पेट्रोल लगभग 8 रुपए सस्ता हुआ था। डीजल की भी कीमतें हालांकि जस की तस बनी रहीं।