रतन टाटा का सपना कही जाने वाली नैनो कार का सफर खत्म होता नज़र आ रहा है। जून में टाटा ने केवल एक नैनो कार बनाई है। हालांकि कंपनी ने यह साफ किया है कि अभी नैनो का उत्पादन बंद करने का कोई औपचारिक फैसला नहीं लिया है।
भारत के मध्यम वर्ग को सबसे सस्ती कार का मालिक बनाने का सपना देखने वाले रतन टाटा ने नैनो की लॉन्चिंग के वक्त कहा था कि वह दो-पहिया पर चलने वाले परिवारों को ज्यादा सुरक्षित और सस्ती कार दे रहे हैं।
टाटा मोटर्स की महत्वाकांक्षी कार नैनो का निर्यात इस साल की शुरुआत से ही ठप पड़ा है। डीलरों ने कार को बाजार से वापस कर दिया था। निर्यातक देशों से कार की वापसी के चलते अब इसका उत्पादन पूरी तरह से बंद हो सकता है। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफेक्चर्स (सियाम) के मुताबिक, पिछले साल अप्रैल से दिसंबर के बीच नैनो के निर्यात में 75 फीसदी की गिरावट रही।
घरेलू बाजार में बीते महीने केवल तीन नैनो कार बिकी है। टाटा मोटर्स ने शेयर बाजारों को सूचित किया है कि जून महीने में उसने नैनो का कोई निर्यात नहीं किया। जून 2018 में केवल एक नैनो बनी। जून 2017 में यह संख्या 275 रही थी।
गौरतलब है कि नैनो को सबसे पहले जनवरी 2008 के ऑटो एक्सपो में सामने लाया गया था। तब इसे लेकर इतनी उम्मीद थी कि नैनो को आम आदमी की कार बताया गया। नैनो के बेसिक मॉडल को मार्च 2009 में एक लाख रुपए की कीमत के साथ लॉन्च किया गया था।