नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड कंपनी फ्रैंकलिन टैंपलटन ने शुक्रवार को 6 म्यूचुअल फंड स्कीम बंद कर दी। इस घोषणा से म्यूचुअल फंड निवेशकों में कुछ घबराहट दिखाई दी। हालांकि म्यूचुअल फंड नियायम एम्फी ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है। आइए जानते हैं कि कंपनी ने क्यों बंद की यह स्कीम्स और इसका निवशकों पर क्या असर होगा?
बंद हुई यह स्कीम्स : फ्रैंकलिन ने फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्यूरल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट फंड और इनकम अपॉरच्यूनिटी फंड बंद किए हैं। कंपनी के अनुसार ज्यादातर डेट सिक्युरिटीज के लिए लिक्विडिटी काफी कम हो गई इसलिए हमें यह फैसला लेना पड़ा।
क्या होगा निवेशकों पर असर : बंद स्कीम्स के निवेशक न तो फंड स्विच कर सकते हैं और ना ही स्कीम में से पैसा निकाल सकते हैं। इस स्थिति में उनका पास इंतजार के अलावा कोई विकल्प नहीं है। अब फंड हाउस अपनी एसेट बेचकर निवेशकों को पैसा लौटाएगा। इसमें समय लग सकता है। अगर फंड बंद नहीं किया जाता तो स्थिति ज्यादा पैनिक होती। इसका फायदा उन लोगों को मिलता जो पैसा निकाल लेते और अन्य लोगों पर लोड बढ़ जाता।
फ्रैंकलिन के अन्य फंड्स का क्या : फंड एक्सपर्ट रमाकांत मुजावदिया ने कहा कि फ्रैंकलिन के अन्य फंड से स्विचिंग की जा सकती है, लेकिन ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है। उनका पैसा सेफ है, कहीं नहीं जाएगा। फ्रैंकलिन एक बहुत पुरानी कंपनी है और यह भी निर्णय भी निवेशकों के हित में ही लिया गया है और इसका फायदा भी उन्हें ही मिलेगा।
क्या करें निवेशक : म्यूचुअल फंड निवेशकों को इस मुश्किल घड़ी में संयम से काम लेना चाहिए। कोरोना की वजह से दुनिया भर के शेयर बाजारों का बुरा हाल है। ऐसे में फंड से निकासी पूरी तरह घाटे का सौदा है। फ्रैंकलिन मामले को छोड़ दे तो म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री बेहद मजबूत नजर आ रही है। स्थिति में कुछ सुधार होने पर आपके फंड की वैल्यू भी बेहतर हो जाएगी।
सीए रितेश जैन ने बताया कि इस स्थिति में पैनिक होने की जरूरत नहीं है। फंड्स सेफ हैं और उनके पास पर्याप्त लिक्विडिटी है। अगर आपने करोड़ों में निवेश किया है तो आप थोड़ा रिडम्पशन कर पैसा बैंक में रख सकते हैं। हजारों और लाखों वालों के लिए तो चिंता की कोई कई बात नहीं है। उनका पैसा पूरी तरह सेफ है।
इस मामले में एम्फी की सक्रियता की भी तारीफ करना होगी। उसने निवेशकों का भरोसा बहाल रखने में तत्परता दिखाई। निवेशकों को भी उम्मीद है कि बाजार कोरोना मंदी से जल्द ही उबरेगा और म्यूचुअल फंड निवेशकों के नुकसान की भी भरपाई कर देगा।