कोलकाता। अक्षय तृतीया के शुभ मौके पर पर कोलकाता के आभूषण विक्रेता (ज्वेलर्स) के चेहरे खिले हुए थे। आम दिनों की तुलना में मंगलवार को अक्षय तृतीया पर आभूषण खरीदारों की संख्या में 30-40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मुद्रास्फीति बढ़ने, यूक्रेन संकट की वजह से अब लोग संपत्ति के रूप में सोना और सर्राफा खरीदने के लिए प्रेरित हुए हैं। इस साल दुकानदारों ने उन मेहमानों के लिए कैलेंडर और मिठाइयां मंगवाईं, जो पिछले 2 वर्षों में कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण बाजार से नदारद थे।
भारतीय सर्राफा एवं आभूषण विक्रेता संघ, पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष अशोक बेगानी ने बताया कि हमने इस अक्षय तृतीया में सोने के आभूषणों के साथ-साथ सर्राफा के लिए जोरदार मांग देखी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ग्राहकों के एक वर्ग ने कहा कि यूक्रेन-रूस युद्ध उनके लिए एक और वजह है जिसकी वजह से वे सोना खरीदना चाहते हैं। यदि कोई परिवार विस्थापित होता है तो सोने जैसी संपत्ति को साथ ले जाया जा सकता है जबकि अचल संपत्ति संपत्तियों को पीछे छोड़ना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि ग्राहक मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव के रूप में सोने के आभूषण और सर्राफा को अपना रहे हैं। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव ने भी सोने के प्रति आकर्षण को बढ़ाया है। सूचना के अनुसार लोगों ने सोने के आभूषण और सर्राफा में अपने निवेश को 25 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है। स्वर्ण शिल्प बचाओ समिति के सचिव बबलू डे ने कहा कि सुबह से ही ग्राहकों की संख्या में लगातार सुधार हो रहा है।
छोटे ज्वेलर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन के पदाधिकारी ने कहा कि हमें सामान्य दिनों की तुलना में बिक्री में कम से कम 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद है। सभी आभूषण कारोबारियों ने स्वीकार किया कि कोविड महामारी के वर्षों की तुलना में कारोबार में तेज उछाल आया है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के उपाध्यक्ष श्याम मेहरा ने कहा कि पिछले 10-15 दिनों से बाजार में तेजी की धारणा रही है और यह अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर जारी है।