नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पूरे देश के साथ जम्मू-कश्मीर में भी एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के लिए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से आग्रह करते हुए इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाने की अपील की है।
सरकार एक जुलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू करने जा रही है और इसके लिए जम्मू-कश्मीर को छोड़कर सभी राज्य जीएसटी कानून पारित कर चुके हैं। केरल और पश्चिम बंगाल ने अध्यादेश के जरिए इस कानून को प्रभावी बनाया है।
जेटली ने सुश्री मुफ्ती को इसको लेकर सोमवार को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री से पूरे देश के साथ जम्मू-कश्मीर में भी एक जुलाई से जीएसटी लागू करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर जीएसटी परिषद की बैठक में सक्रियता से भाग ले रहा है और इससे जुड़े कानून बनाने में सार्थक भागीदारी की है। उन्होंने 18 और 19 मई को श्रीनगर में जीएसटी परिषद की 14वीं बैठक की मेजबानी करने के लिए धन्यवाद देते हुए लिखा है कि उस बैठक में अधिकांश जीएसटी कर दरें तय किए जाने के कई अहम निर्णय भी लिए गए थे।
वित्तमंत्री ने लिखा है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत भारतीय संविधान में होने वाला संशोधन जम्मू-कश्मीर पर भी लागू होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से संविधान के 101वें संशोधन पर राज्य की विशेष संवैधानिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रपति के आदेश के लिए अपनी सहमति को भेजने की अपील की है। उन्होंने मुफ्ती को याद दिलाया है कि एक जुलाई से जम्मू-कश्मीर में यदि जीएसटी लागू नहीं होगा तो उसका राज्य पर किस तरह से विपरीत प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा है कि ऐसी स्थिति में दूसरे राज्यों से खरीदे जाने वाले उत्पादों की कीमतें बढ़ जाएंगी। इसके साथ ही राज्य के उत्पादों को दूसरे राज्यों में बेचने पर कीमतें बढ़ जाएंगी, जिससे राज्य का उद्योग प्रभावित होगा।
वित्तमंत्री ने कहा है कि जीएसटी डेस्टिनेशन कर है तथा वस्तुओं एवं सेवाओं के अंतरराज्यीय कारोबार या व्यावसाय पर एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) लगेगा। जीएसटी के तहत कोई भी डीलर इस तरह की वस्तुएं या सेवाओं का उपयोग करता है तो उसे विक्रेता को आईजीएसटी का भुगतान करना होगा। लेकिन, वह भुगतान किए गए आईजीएसटी पर क्रेडिट लेने का हकदार होगा।
उन्होंने कहा कि यदि जम्मू-कश्मीर एक जुलाई से जीएसटी में शामिली नहीं होगा तो दूसरे राज्य से खरीदे गए उत्पादों और सेवाओं पर राज्य के डीलरों को आईजीएसटी का क्रेडिट नहीं मिलेगा, जिससे इनकी कीमतों में बढ़ोतरी हो जाएगी। इसी तरह से जम्मू-कश्मीर से उत्पाद और सेवाओं को खरीदने पर दूसरे राज्य को क्रेडिट नहीं मिलेगा जिससे उसकी कीमतें बढ़ जाएंगी। इससे जम्मू-कश्मीर का व्यापार और उद्योग प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जाएंगे।
जेटली ने अंतत: मुख्यमंत्री से राज्य में एक जुलाई से जीएसटी लागू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने की अपील करते हुए कहा है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो इससे राज्य के उपभोक्ता और उद्योग दोनों को नुकसान होगा। (वार्ता)