वर्तमान में किसी पिछले कानून में रजिस्टर्ड होने के कारण सरकार ने सभी को GST नंबर लेना अनिवार्य किया था। पिछले कानून में जिन लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा रखा था, लेकिन अब चूंकि किसी व्यापारी या प्रोफेशनल का वार्षिक टर्नओवर 20 लाख रुपए से कम है और व्यापारी की कोई इंटरस्टेट बिक्री भी नहीं है साथ ही उसने GST में माइग्रेशन जरूरी होने के कारण करा लिया था।
यदि अब उन्हें महसूस होता है की GST के दायरे में वह नहीं आता है तो सरकार ने पहले GST लगने के दिन से 30 दिन में REG-29 फॉर्म भरकर व्यापारी को अपना GST नबर निरस्त करवाने की सुविधा दी थी। अब इसकी 30 दिन की लिमिट बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दी है। (नोटिफिकेशन 17/2017 दिनांक 27-07-2017)।
यह एक अच्छी सुविधा है क्योंकि कई छोटे छोटे व्यापारी जैसे रिटेल किराना वाले, पान वाले, स्टेशनरी वाले, चाय-पोहे वाले और चूंकि 20 लाख की लिमिट में प्रोफेशनल एवं सर्विस सेक्टर वाले भी आते हैं। इन सभी को अभी ही इस बारे में शांति से निर्णय कर लेना चाहिए कि GST नंबर की हमें आवश्यकता है या नहीं। क्योंकि एक बार नंबर परमानेंट हो जाने के बाद आप नंबर कैंसल कराने का निर्णय लेते हैं तो जब जो आपके पास स्टॉक पड़ा है उस पर टैक्स देना (वर्तमान दर से) पड़ेगा। मतलब ऐसा माना जाएगा कि आप नंबर कैंसल करा रहे हैं तो आपने ये पूरा माल स्वयं टैक्स भरकर खरीद लिया।