नई दिल्ली। खाद्य पदार्थों के ऊंचे दाम से अक्टूबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 4.62 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह इसका 16 महीने का उच्च स्तर है। महंगी सब्जियों और दालों के लगातार बढ़ते दामों ने आम आदमी की परेशानी बढ़ा दी है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने सितंबर में 3.99 प्रतिशत और एक साल पहले अक्टूबर माह में 3.38 प्रतिशत थी।
महीने दर महीने आधार पर अक्टूबर में सब्जियों की महंगाई दर 15.4 फीसदी से बढ़कर 26 फीसदी पर पहुंच गई है। वहीं दालों की महंगाई दर बढ़कर 11.72 फीसदी हो गई, जो सितंबर 2019 में 8.34 फीसदी थी।
खाद्य समूह की मुद्रास्फीति सितंबर के 5.11 प्रतिशत से उछलकर अक्टूबर में 7.89 प्रतिशत पर पहुंच गई। रिजर्व बैंक द्वैमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा में मुख्यत: खुदरा मुद्रास्फीति पर ही गौर करता है।
रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के आस-पास दो प्रतिशत ऊपर और दो प्रतिशत नीचे के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया गया है।