नई दिल्ली। देश भर में वाहनों के पंजीकरण के लिए अगले साल 01 अप्रैल से अनिवार्य होने वाले भारत स्टेज (बीएस)-6 मानक के कारण छोटी डीजल कारों की कीमतों में सबसे तेज उछाल आयेगा।
वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने बताया कि बीएस-6 मानक के लिए वाहनों के इंजनों में जरूरी बदलाव की लागत हर तरह के यात्री वाहनों के लिए लगभग एक समान है। इसलिए, छोटी-बड़ी सभी कारों की कीमत एक समान बढ़ेगी। लेकिन, प्रतिशत के लिहाज से सबसे बड़ा बदलाव छोटी कारों की कीमतों में आएगा।
उन्होंने कहा कि यदि बीएस-4 की जगह बीएस-6 इंजन लगाने से कीमत में एक लाख की वृद्धि होती है तो तीन लाख रुपए की कार के ग्राहक को यह अंतर ज्यादा महसूस होगा क्योंकि उसके लिए कीमत 33 प्रतिशत बढ़ जायेगी जबकि 10 लाख रुपए की कार के ग्राहक के लिए कीमत मात्र 10 प्रतिशत बढ़ेगी। इसके अलावा छोटी डीजल कारों पर कर भी दो प्रतिशत ज्यादा है।
माथुर ने बताया कि पिछले छह साल में देश में डीजल कारों की बिक्री में भारी गिरावट आई है। वर्ष 2012-13 में देश में बिकने वाली कारों में 52 प्रतिशत डीजल थीं जो अब घटकर 19 प्रतिशत रह गई हैं। उन्होंने कहा कि इसमें डीजल और पेट्रोल की कीमतों में अंतर लगभग समाप्त हो जाने से भी काफी प्रभाव पड़ा है। (वार्ता)