मुंबई। देश की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख और मुख्य वित्त अधिकारी निलांजन रॉय के खिलाफ व्हिसिलब्लोअर समूह की ओर से लगाए गए आरोपों से वित्त जगत को बड़ा झटका लगा है। कंपनी ने ऑडिट समिति से इस मामले की स्वतंत्र जांच कराने की बात कही है।
एक गुमनाम समूह जिसने खुद को कंपनी का कर्मचारी बताया है, ने कंपनी के निदेशक मंडल को व्हिसलब्लोअर शिकायत भेजी है। इसमें कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख और मुख्य वित्त अधिकारी नीलांजन रॉय पर अनुचित व्यवहार के जरिये लघु अवधि की आमदनी और मुनाफा बढ़ाने का आरोप लगाया गया है।
इन दोनों पर कम समय में आय और लाभ बढ़ाने के लिए ‘अनैतिक व्यवहारों’ में लिप्त होने की शिकायत की है। इस समूह का दावा है कि आरोपों को साबित करने के लिए ईमेल और वॉयस रिकॉर्डिंग भी मौजूद हैं। इस संबंध में व्हिसलब्लोअर समूह ने अमेरिका के नियामक सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को भी एक पत्र लिखा है।
कंपनी की ऑडिट समिति करेगी स्वतंत्र जांच : इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने कहा कि कंपनी की ऑडिट समिति सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ निलांजन रॉय के खिलाफ व्हिसिलब्लोअर समूह द्वारा लगाए गए आरोपों की स्वतंत्र जांच करेगी। उन्होंने बताया कि कंपनी के निदेशक मंडल के सदस्यों में से एक को 20 और 30 सितंबर 2019 को दो अज्ञात शिकायतें प्राप्त हुईं थीं।
शेयर बाजार में भारी नुकसान : बंबई शेयर बाजार में पिछले छह कारोबारी सत्रों से जारी तेजी का सिलसिला मंगलवार को थम गया। इंफोसिस के शेयरों में भारी गिरावट के बीच सेंसेक्स 335 अंक टूट गया। मुख्य कार्यकारी अधिकारी के खिलाफ शिकायत के बाद कंपनी के शेयर में गिरावट आई। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी इन्फोसिस का शेयर 16.21 प्रतिशत टूट गया और 645.35 रुपए पर आ गया।